शहर की बिजली व्यवस्था गंभीर संकट की ओर बढ़ रही है, लेकिन बिजली विभाग अभी भी तूफान से पहले की शांति का आनंद लेता नजर आ रहा है। बालोतरा शहर को 220 केवी जीएसएस से जोड़ने वाली 33 केवी मुख्य लाइन पिछले 35 वर्षों से जर्जर हालत में है। जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष गर्मियों में इस लाइन पर केबल की क्षमता से करीब 20 एम्पियर अधिक लोड चला था, जिससे कभी भी भारी नुकसान हो सकता था। गनीमत रही कि उस समय यह केबल बंद हो गई, लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी विभाग ने इसके समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
हर वर्ष बढ़ रहा लोड, खतरा स्थाई होता जा रहा
बिजली विभाग के आंकड़े बताते हैं कि हर वर्ष बालोतरा का बिजली लोड लगातार बढ़ रहा है। पिछले वर्ष ही जब क्षमता से अधिक लोड दर्ज किया गया था, तो इस वर्ष खतरा और भी अधिक बढ़ गया है। वहीं 33 केवी लाइन के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में विभाग के पास ऐसा कोई वैकल्पिक इंतजाम नहीं है, जिससे शहर की बिजली आपूर्ति सुचारू रखी जा सके।
वैकल्पिक लाइन भी फेल
220 केवी जीएसएस से आने वाली इस मुख्य लाइन के अलावा समदड़ी रोड से एक वैकल्पिक केबल पहले भी लगाई गई थी, लेकिन विभाग ने उसे पहले ही कंडम घोषित कर दिया है। वर्तमान में इसके स्थान पर दूसरी केबल का उपयोग किया जा रहा है, जो पहले ही आवश्यकता से अधिक लोड उठा रही है। ऐसे में आपातकालीन स्थिति में इस वैकल्पिक केबल से कोई मदद की उम्मीद नहीं की जा सकती।
अंधेरे में डूबने का डर
विभागीय लापरवाही के कारण बालोतरा शहर कभी भी अंधेरे में डूब सकता है। मुख्य लाइन फेल होने पर न तो बैकअप है और न ही आपूर्ति जारी रखने की कोई उचित योजना। ऐसे में विभाग को इस दिशा में तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत है और वर्षों से लंबित समाधान को जल्द लागू किया जाना चाहिए, अन्यथा शहर की बिजली व्यवस्था पूरी तरह भगवान भरोसे हो जाएगी
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