जिले के चौथ का बरवाड़ा तहसील क्षेत्र में बुधवार को एक अधेड़ व्यक्ति के रपट पर बह जाने की आशंका के बाद प्रशासन हरकत में आ गया। घटना ऐचेरे बगीना रपट की बताई जा रही है, जहां भारी बरसात के बाद पानी का बहाव तेज था। सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोपहर के समय एक अधेड़ व्यक्ति रपट पार करने की कोशिश कर रहा था। पानी का बहाव तेज होने के कारण वह संतुलन खो बैठा और अचानक गिर पड़ा। इसके बाद वह तेज धारा में बह गया। आसपास मौजूद ग्रामीणों ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन पानी का प्रवाह इतना तेज था कि व्यक्ति को तुरंत बाहर निकालना संभव नहीं हो पाया।
घटना की सूचना मिलते ही चौथ का बरवाड़ा थाना पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी और राजस्थान आपदा प्रबंधन दल (SDRF) की टीम मौके पर पहुंची। गोताखोरों की मदद से व्यक्ति की तलाश शुरू कर दी गई है। देर शाम तक सर्च ऑपरेशन जारी रहा, लेकिन खबर लिखे जाने तक अधेड़ व्यक्ति का पता नहीं चल सका था।
स्थानीय लोगों ने बताया कि ऐचेरे बगीना रपट पर हर साल बरसात के दौरान पानी भर जाने से खतरा बढ़ जाता है। बावजूद इसके, कई लोग लापरवाही में रपट पार करने का प्रयास करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस स्थान पर चेतावनी बोर्ड और बैरिकेडिंग की जरूरत है, ताकि हादसों को रोका जा सके।
थाना प्रभारी ने बताया कि प्रशासन ने आसपास के गांवों में भी सूचना दे दी है और नदी के निचले हिस्सों में चौकसी बढ़ा दी गई है।
“हम लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। SDRF की टीम पानी के बहाव के साथ-साथ किनारों की भी जांच कर रही है। उम्मीद है कि जल्द ही व्यक्ति का पता चल जाएगा,”
ऐसा कहना है थाना प्रभारी चौथ का बरवाड़ा का।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि मानसून सीजन में रपटों पर यातायात को पूर्ण रूप से रोका जाए। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में भी इसी तरह के हादसे हो चुके हैं, लेकिन स्थायी समाधान अब तक नहीं निकाला गया।
जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे तेज बहाव या भरे हुए नालों-रपटों को पार करने का जोखिम न उठाएं। बरसात के दौरान थोड़ी सी लापरवाही भी जानलेवा साबित हो सकती है।
फिलहाल, सवाई माधोपुर प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम मौके पर डटी हुई है और सर्च ऑपरेशन जारी है। SDRF और सिविल डिफेंस की टीमें रात तक तलाश जारी रखने की तैयारी में हैं।
यह घटना एक बार फिर यह चेतावनी देती है कि प्राकृतिक जलमार्गों और रपटों पर लापरवाही से पार करना बेहद खतरनाक हो सकता है। प्रशासन अब इस इलाके में सुरक्षा इंतज़ाम बढ़ाने की योजना बना रहा है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
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