बाड़मेर न्यूज़ डेस्क, जिला मुख्यालय पर लालाणियों की ढाणी में 1.19 करोड़ रुपए की लागत से बनी खाद्य सुरक्षा प्रयोगशाला निर्माण के डेढ़ साल बाद भी शुरू नहीं हो पाई है। एनएचएम की ओर से बनाई गई लैब को स्वास्थ्य विभाग अपने अधीन नहीं ले रहा है, क्योंकि इसे सिर्फ ग्राउंड फ्लोर तक ही बनाया जाना था। एनएचएम विंग ने विभाग को संशोधित नक्शा और जी-शेड्यूल उपलब्ध नहीं करवाया। ऐसे में इसमें मशीनरी लगाने में दिक्कत आएगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से तीन मंजिला भवन बनाने के लिए विभाग से अनुमति भी नहीं ली गई। एनएचएम विभाग का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से पर्याप्त भूमि आवंटित नहीं की गई, इसलिए तीन मंजिला भवन में लैब बनाई गई है। विभाग के पास इसे चलाने के लिए पर्याप्त स्टाफ नहीं होने के कारण हैंडओवर नहीं हो पा रहा है।
6 अप्रैल 2023 से बनी खाद्य सुरक्षा लैब बंद है। यदि लैब समय पर शुरू हो जाती तो खाद्य सुरक्षा नियमों के तहत लैब से खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की ओर से लिए गए लीगल एंड सर्विलांस (अधिनियम और निगरानी) नमूनों की जांच एक-दो दिन में बाड़मेर में ही हो जाती। आम जनता भी आसानी से खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच करवा सकेगी। वर्तमान में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा लिए गए नमूनों को जोधपुर स्थित खाद्य सुरक्षा मानक प्रयोगशाला में भेजा जाता है। यहां जोधपुर, पाली, जालौर, जैसलमेर, सिरोही, बाड़मेर, बालोतरा जिलों से नमूने आते हैं, इसलिए जांच में एक महीने से अधिक समय लग जाता है।
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