पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार विफल हो चुकी है। इनका चाल, चरित्र और चेहरा पूरी तरह से उजागर हो चुका है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि जब एक विधायक कह रहा है कि उसके घर में तीन बार चोरी हो चुकी है। तो आप सोच सकते हैं कि बाकी लोगों का क्या हाल होगा? उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए भजनलाल सरकार को घेरा और उन्हें सुझाव भी दिए।
पूर्व सीएम गहलोत ने इन 10 कमियों पर सीएम को घेरा
1- विधायक कह रहे हैं कि मेरे घर में तीन बार चोरी हो चुकी है। अब आप सोच सकते हैं कि प्रदेश में बाकी लोगों का क्या हाल होगा। कोई सुनने वाला नहीं है, इतना भ्रष्टाचार हो रहा है कि इनका चाल, चरित्र और चेहरा पूरी तरह से उजागर हो चुका है। जनता की नजर में भी ये इतनी बड़ी-बड़ी बातें करते थे, हमारा चाल, चरित्र और चेहरा कांग्रेस से अलग है, अब आप देख रहे हैं कि इतना भ्रष्टाचार हो रहा है, इतने लोग दुखी हैं।
2- मुख्यमंत्री को अपनी खुफिया शाखा का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्हें एक बार अभियान चलाना चाहिए। उन्हें चुपचाप इंटेलिजेंस ब्रांच में जाकर देखना चाहिए कि हम विपक्ष में रहकर राजस्थान में जो भी मुद्दे उठाते हैं। उन मुद्दों में कोई दम है या नहीं। अगर उनमें कोई दम नहीं है तो कोई बात नहीं। वे राजनीति कर रहे होंगे, अगर उनमें दम है तो उन्हें इसे ठीक करना चाहिए।
3- अगर उन्हें लगता है कि उनकी अपनी एजेंसियां हैं, उनकी अपनी आईबी एजेंसी है तो उन्हें उससे उन मुद्दों के बारे में सर्वे करवाना चाहिए जो हम उठा रहे हैं। चाहे कानून व्यवस्था हो या हो रही चोरी-डकैती।
4- गांव-गांव और जिलों में भी सुनवाई नहीं हो रही है। गुंडागर्दी हो रही है। माफिया हावी है। वहां के लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि किससे शिकायत करें। शिकायत की व्यवस्था ध्वस्त हो गई है।
5- कलेक्टर को नियमित रूप से जनसुनवाई में बैठना चाहिए, कितने कलेक्टर बैठ रहे हैं। एसपी को जनसुनवाई करनी चाहिए। कलेक्टर को रात्रि विश्राम करना चाहिए।
6- मैं यह दावा नहीं करता कि मेरे समय में सब ठीक हो जाएगा, हो सकता है कि वहां भी कमियां रही हों, इसलिए वो कमियां रह गई हैं, सरकार अब आपकी है, हम आपसे सवाल करेंगे। देखिए कितने कलेक्टर गांवों में दौरे कर रहे हैं, रात्रि विश्राम कर रहे हैं। आपके एसपी कहां जनसुनवाई कर रहे हैं।
7- शिकायत कहां करनी चाहिए? थाने में, डीएसपी से, एसपी से। क्या वहां उनकी सुनवाई हो रही है? उन्हें ये सारी चीजें अपनी आईबी को देनी चाहिए। कम से कम पंद्रह दिन में वो आपको रिपोर्ट तो देगी। इस पर कार्रवाई शुरू करें, जनता का भला होगा।
8- जब आप मुख्यमंत्री बने हैं, पहली बार विधायक बने हैं, पहली बार मुख्यमंत्री बने हैं, बहुत कम लोगों को ऐसा सौभाग्य मिलता है जो भजनलाल जी को मिला है। मैं शासन की बात करता हूं, अगर वो नहीं संभाल पाते हैं, तो हमें भी बुरा लगता है, पहला मौका, पहली बार विधायक और मुख्यमंत्री, उन्हें अपने जीवन में इतना बड़ा मौका मिला है।
9- उन्हें अपना भाई-भतीजावाद छोड़ देना चाहिए। मैं बचपन से हमेशा कहता था कि हम जनता की संपत्ति हैं। आप विधायक बनो, सांसद बनो. मुख्यमंत्री बनो. मंत्री बनो. हम जनता की संपत्ति हैं. जनता हमसे कभी भी शिकायत कर सकती है. उन्हें खुद को जनता की संपत्ति बनाना चाहिए, उसमें भाई-भतीजावाद नहीं आता, इसे किनारे रखिए, नहीं तो आप लोग बदनाम हो जाएँगे.
10- मुझे उम्मीद थी कि वो दो-चार महीने इंतज़ार करेंगे. वो नए व्यक्ति हैं. दो-चार-छह महीने लगते हैं. एक साल भी लग सकता है. लेकिन अब कम से कम डेढ़ साल से ज़्यादा हो गया है. उन्हें समझना चाहिए कि विपक्ष उनका दुश्मन नहीं है. विपक्ष चाहे कुछ भी कहे, चाहे प्रदेश कांग्रेस कमेटी कहे, चाहे विपक्ष के नेता कहें. चाहे हम लोग कहें. हमारा धर्म कहे. हमारा कर्तव्य कहे. हम बोलेंगे, अपनी बात को गंभीरता से लेंगे.
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