चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने सोमवार को विधानसभा सत्र के दौरान शहर के बीचों-बीच स्थित गोरा-बादल स्टेडियम की जर्जर हालत पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आखिर क्यों इस ऐतिहासिक और भावनाओं से जुड़े मैदान को उपेक्षा का शिकार बनाया जा रहा है।
“जनता की भावनाओं से जुड़ा मैदान”विधायक आक्या ने कहा कि गोरा-बादल स्टेडियम चित्तौड़गढ़ का बेहद पुराना खेल मैदान है, जहां वर्षों से खेल प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक आयोजन होते आए हैं। उन्होंने कहा—
“चित्तौड़गढ़ की जनता की भावनाएं इस मैदान से जुड़ी हुई हैं। लेकिन अफसोस की बात है कि यह स्टेडियम अब पूरी तरह खराब हालत में पहुंच गया है और कचरे के ढेर जैसा नजर आता है।”
आक्या ने सदन में कहा कि स्टेडियम में न तो खिलाड़ियों के लिए सही सुविधाएं हैं और न ही दर्शकों के बैठने की उचित व्यवस्था। मैदान की घास उखड़ चुकी है, ट्रैक खराब हो चुका है और चारों ओर गंदगी फैली रहती है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द ही कदम नहीं उठाए तो यह मैदान पूरी तरह बेकार हो जाएगा।
सरकार से की मांगविधायक ने खेल मंत्री से आग्रह किया कि गोरा-बादल स्टेडियम का तुरंत नवीनीकरण और मरम्मत कार्य शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि चित्तौड़गढ़ जैसे ऐतिहासिक शहर में खेल सुविधाओं को बढ़ावा देना जरूरी है, ताकि युवाओं को सही दिशा मिले और प्रतिभाओं को अवसर मिल सके।
जनता में रोषस्थानीय नागरिकों का भी कहना है कि स्टेडियम की बदहाली ने शहर की छवि को नुकसान पहुंचाया है। कई बार शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। लोग चाहते हैं कि यहां अंतरजिला और राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं हों, लेकिन खराब हालात के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा।
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