पश्चिमी राजस्थान की कांग्रेस की राजनीति में बड़ा नाम शाले मोहम्मद पिछले दो दिनों से सुर्खियों में हैं। शाले मोहम्मद राजस्थान की पिछली अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। शाले मोहम्मद भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित जैसलमेर जिले की जानी-मानी शख्सियत गाजी फकीर के बेटे हैं। गाजी फकीर सिंधी मुस्लिम समुदाय के धार्मिक नेता माने जाते थे। उनके बाद अब यह उपाधि उनके बेटे शाले मोहम्मद के पास है। जैसलमेर जिले में पकड़ा गया पाकिस्तानी जासूस शकूर खान शाले मोहम्मद का पीए रह चुका है। इस खुलासे के बाद शाले मोहम्मद सुर्खियों में हैं।
गाजी फकीर का परिवार शुरू से ही इस इलाके में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली रहा है। इस परिवार के शाले मोहम्मद ने सबसे ऊंची राजनीतिक ऊंचाइयों को छुआ है। महज 23 साल की उम्र में राजनीति में कदम रखने वाले शाले मोहम्मद की गिनती जैसलमेर के चर्चित और बड़े नेताओं में होती है। 1 फरवरी 1977 को जन्मे शाले मोहम्मद राजनीति में कदम रखते ही जैसलमेर पंचायत समिति के प्रधान बन गए थे। इसके बाद 2005 में वे इस सीमावर्ती जिले जैसलमेर के जिला प्रमुख बने। शाले मोहम्मद ने 2008 में कांग्रेस के टिकट पर पोकरण विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और विधायक बने। इस पर उन्होंने जिला प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया।
काफी वोटों से जीते और भारी अंतर से हारे
शाले मोहम्मद ने पहला चुनाव महज 339 वोटों के मामूली अंतर से जीता था। इसके बाद 2013 में मोदी लहर में वे बुरी तरह पिछड़ गए और चुनाव हार गए। शाले मोहम्मद यह चुनाव करीब 35 हजार वोटों से हार गए। इसके बाद 2018 का चुनाव भी वे बेहद मामूली अंतर 872 वोटों से जीते। लेकिन जब कांग्रेस सत्ता में आई तो शाले मोहम्मद को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। देश की आजादी के बाद यह पहला मौका था जब जैसलमेर जिले से किसी विधायक को कैबिनेट में जगह मिली। मंत्री बनने के बाद उन्हें अल्पसंख्यक विभाग की जिम्मेदारी दी गई। पांच साल तक मंत्री रहने के बाद सालेह मोहम्मद ने 2023 का चुनाव फिर लड़ा लेकिन महंत प्रतापपुरी से 30 हजार से ज्यादा वोटों से हार गए।
पूरे परिवार का राजनीति में काफी दबदबा
गाजी फकीर परिवार में शाले मोहम्मद अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जो राजनीति में हैं, बल्कि उनके परिवार में कई लोग सक्रिय राजनीति में हैं। शाले मोहम्मद के चाचा फतेह मोहम्मद और छोटे भाई अब्दुलहा फकीर भी जैसलमेर जिला प्रमुख रह चुके हैं। वहीं, उनके एक छोटे भाई अमरदीन फकीर जैसलमेर पंचायत समिति के प्रधान रह चुके हैं। जैसलमेर के पंचायती राज में शाले मोहम्मद परिवार का काफी दबदबा रहा है। उनके परिवार के अन्य लोग भी गांव गुवाड़ की राजनीति में सक्रिय हैं।
You may also like
1st Unofficial Test: इंडिया ए के खिलाफ इन 3 बल्लेबाजों ने ठोके शानदार शतक, तीसरे दिन इंग्लैंड का स्कोर पहुंचा 500 पार
स्वास्थ्य टिप्स: अधिक नींद के पीछे के विटामिन्स की कमी
महिलाओं को ठंड क्यों लगती है: जानें इसके पीछे के कारण
आज के स्कूल असेंबली के लिए प्रमुख समाचार: राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय और खेल की खबरें
Suryakumar Yadav Sets New IPL Record with 717 Runs