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'यह आर्टिकल सबको पढ़ना चाहिए', राहुल गांधी के लेख को अशोक गहलोत ने बताया आज की हकीकत, जानें क्यों?

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जयपुर न्यूज़ डेस्क, लोकसभा सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी का लिखा एक आर्टिकल अखबार में छपा तो देशभर में एक खलबली सी मच गई है। भाजपा के नेताओं ने राहुल गांधी के आर्टिकल को गलत ठहराते हुए निंदा की है। इस आर्टिकल में ईस्ट इंडिया कंपनी और राजा महाराजाओं के समय होने वाले व्यापारिक लेन देन का जिक्र किया गया है। साथ ही यह भी लिखा कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने राजा महाराजाओं को डरा धमका कर और घूस देकर भारत पर राज किया था। पूर्व राजपरिवार से जुड़े बीजेपी के कई नेता इस आर्टिकल के खिलाफ बयान दे रहे हैं। राजस्थान की डिप्टी सीएम और जयपुर के पूर्व राजघराने की सदस्य दिया कुमारी, सिंधिया राजघराने के ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कई नेताओं ने राहुल गांधी के आर्टिकल को राजघराने की छवि को धूमिल करने वाला बताया। इसी बीच राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राहुल गांधी के समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने इस आर्टिकल को आज के परिपेक्ष में सही बताया है।

यह आर्टिकल सबको पढ़ना चाहिए- अशोक गहलोत
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने एक बयान जारी करके कहा कि राहुल गांधी ने जो आर्टिकल लिखा है। वह आर्टिकल सबको पढना चाहिए। इस आर्टिकल में राहुल गांधी ने देशवासियों का ध्यान आकर्षित किया है। इसे गंभीरता से लेना चाहिए। यह सबके हित में है। गहलोत ने कहा कि वर्तमान में जो माहौल बना हुआ है। उसकी ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए यह लेख लिखा गया है। वर्तमान में देश के उद्योगपतियों के क्या हालात है, यह किसी से छिपे नहीं हैं। देश में भय का माहौल है, ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई का डर दिखा कर जबरन इलेक्टोरल बॉन्ड लिए जा रहे हैं। यह देश के लिए खतरनाक है। सरकार को चाहिए कि वे ऐसी नीतियां बनाएं जो देशहित में हों। गहलोत ने कहा कि उन्होंने यह आर्टिकल पूरा पढा है और देखा है कि इस आर्टिकल की वर्तमान माहौल में बहुत बड़ी आवश्यकता है।


सबके के लिए समान नियम होने चाहिए - गहलोत
गहलोत ने कहा कि दुनिया में ऐसे कई मुल्क हैं जहां के उद्योगपति कहते हैं कि हमें वहां के नेताओं के पास जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती है। ना पीएम, ना सीएम और ना ही किसी मंत्री के पास जाने की जरूरत पड़ती है। वहां सभी उद्योगपतियों के लिए एक समान नियम है। वहां कोई भय नहीं होता है। इसी के संदर्भ में राहुल गांधी ने इस आर्टिकल के जरिए देशवासियों का ध्यान आकर्षित किया है। इसको गंभीरता से लेना चाहिए, यह सबके हित में है। क्योंकि अगर खुला माहौल मिलेगा, समान हक मिलेंगे, कोई भय नहीं होगा तो निवेशकर्ता भी आगे आएंगे। वे निवेश की ओर आगे बढेंगे। यह देश हित में होगा। सरकार किस पार्टी की है, अगर इस माहौल में नियम बनेंगे तो यह अच्छी परम्परा नहीं है। गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी ने सोच समझकर कदम उठाए हैं। सबके लिए नियम एक जैसे बनेंगे, संस्थाओं को सुरक्षा मिलेगी, तो और ज्यादा निवेश आएगा।


दिया कुमारी ने जताया एतराज
राजस्थान की डिप्टी सीएम दिया कुमारी पूर्व राजघराने की सदस्य भी हैं। उन्होंने राहुल गांधी के लेख का विरोध करते हुए लिखा कि 'मैं आज एक संपादकीय में भारत के पूर्व शाही परिवारों को बदनाम करने के राहुल गांधी के प्रयास की कड़ी निंदा करती हूं। एकीकृत भारत का सपना भारत के पूर्व राजपरिवारों के सर्वोच्च बलिदान के कारण संभव हो सका है। ऐसे ऐतिहासिक तथ्यों की आधी-अधूरी व्याख्या के आधार पर लगाए गए निराधार आरोप पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं।' दिया कुमारी ने कहा कि राहुल गांधी ने इतिहास की गलत व्याख्या की है और पूर्व राज परिवारों की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है।

क्षत्रिय समाज से माफी मांगे राहुल गांधी - राधामोहन दास
भाजपा के प्रदेश प्रभारी डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने भी राहुल गांधी के आर्टिकल का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने देश के गौरव और मान सम्मान के प्रतीक राजा महाराजाओं का अपमान किया है। यह सहन करने लायक नहीं है। लेख में अपमानजनक और मूर्खतापूर्ण बातें लिखना बताकर देश के संपूर्ण

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