राजस्थान की राजधानी जयपुर स्थित सेंट्रल जेल एक बार फिर सुर्खियों में है। ऊँची दीवारों और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद, सुरक्षा में खामियाँ बार-बार उजागर हो रही हैं। बाहर पार्टी करते कैदी, दीवारें फांदकर भागना और अब नशीली दवाओं और मोबाइल फोन की आपूर्ति ने जेल प्रशासन की खामियों को उजागर कर दिया है।
नशीले पदार्थों की खेप का भंडाफोड़
जयपुर पुलिस की सीएसटी टीम ने "ऑपरेशन क्लीन स्वीप" चलाकर एक मादक पदार्थ तस्कर गिरोह का भंडाफोड़ किया। भांकरोटा इलाके से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से 37,000 से ज़्यादा नशीली गोलियाँ बरामद की गईं। पूछताछ में पता चला कि यह खेप जयपुर सेंट्रल जेल और शहर के कई गिरोहों के लिए भेजी जा रही थी। तकनीकी निगरानी के बाद, उत्तर प्रदेश से आए अभिराज सिंह को जयपुर पहुँचने पर गिरफ्तार कर लिया गया। उसके साथ दो अन्य तस्कर भी गिरफ्तार किए गए। यह खुलासा जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
जेल के अंदर मोबाइल फोन की बरामदगी
नशीले पदार्थों की खेप के बाद जेल के अंदर की स्थिति भी चिंताजनक है। हाल ही में, वार्ड 3, 5 और 6 की तलाशी के दौरान छह मोबाइल फोन बरामद किए गए। ये फोन विचाराधीन कैदी दानिश मोहम्मद उर्फ मक्खी और तीन अन्य सजायाफ्ता कैदियों के पास से मिले। जेल प्रहरी राजन मीणा ने लालकोठी थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने फोन जब्त कर जांच शुरू कर दी है।
जेल की सुरक्षा पर उठे सवाल
हाल के दिनों में, कैदियों के भागने, मोबाइल फोन और नशीले पदार्थों की आपूर्ति के कई मामले सामने आए हैं। ये घटनाएँ जेल की ढीली सुरक्षा व्यवस्था को उजागर करती हैं। कैदी आसानी से बाहर से सामान मंगवा लेते हैं और दीवार फांदकर भाग जाते हैं।
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