राजस्थान में भाजपा सरकार आने के बाद भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया गया। उन्हें एक पर्ची के जरिए मुख्यमंत्री बनाया गया। विधायक दल की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने एक पर्ची खोली, जिसमें भजनलाल शर्मा का नाम था। इसीलिए कांग्रेस भजनलाल सरकार को पर्ची कहती है। राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा अक्सर कहते रहे हैं कि राजस्थान में भाजपा सरकार का हर फैसला दिल्ली से आने वाली पर्ची के जरिए होता है। बुधवार को सीकर में राजस्थान सरकार के यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कांग्रेस नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस ने 1998 का विधानसभा चुनाव परसराम मदेरणा के चेहरे पर लड़ा था, लेकिन मुख्यमंत्री कौन बना, उस समय किसकी पर्ची आई। कांग्रेस ने 2008 का चुनाव सीपी जोशी के चेहरे पर लड़ा था।
डोटासरा जी अब अपनी ही पार्टी की बात हम पर ला रहे हैं
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से सीपी जोशी 2008 में हार गए, लेकिन उनकी मर्जी के बिना दोबारा पर्ची आ गई। 2018 का चुनाव सचिन पायलट के चेहरे पर लड़ा गया था, लेकिन दिल्ली से पर्ची किसी और के नाम पर आई। मंत्री खर्रा ने कहा कि डोटासरा जी अब अपनी पार्टी का मामला हम पर ला रहे हैं। उनकी पार्टी पर्ची के आधार पर चल रही है।
खेती और पशुपालन के अलावा मेरा कोई काम नहीं
यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने भी कहा कि मैं जमीन के कारोबार से जुड़ा नहीं हूं, यह मैं स्पष्ट करना चाहता हूं। खेती, पशुपालन और समाज सेवा के अलावा मेरा कोई काम नहीं है। खर्रा ने कहा कि अगर इस नए प्रारूप प्रकाशन से जमीन के कारोबार से जुड़े लोगों के हितों को ठेस पहुंच रही है, तो मेरे पास इसका कोई उपाय नहीं है। हमने व्यक्तिगत जनहित से ज्यादा व्यापक जनहित को महत्व दिया।
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