उदयपुर न्यूज़ डेस्क, उदयपुर शहर के 13 थानों में इस साल जनवरी से अगस्त तक 2827 केस दर्ज हो चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा मामले चोरी के हैं। चोरी के 612 केस हैं। इन आठ माह में डकैती का एक भी मामला सामने नहीं आया। हत्या के सबसे कम 26 केस दर्ज हुए हैं। थानों की बात करें तो पिछले 8 महीनों में सबसे ज्यादा 169 केस प्रतापनगर में और सबसे कम 20 धानमंडी थाने में आए हैं। सुखेर, सवीना, हिरणमगरी और सूरजपोल में दर्ज केसों का आंकड़ा 100 के पार है। घंटाघर, नाई, भूपालपुरा और हाथीपोल थानों में 100 से कम मामले ही आए हैं।
जिन थानों में ज्यादा केस, उनका एरिया 14 से 25 किमी तक
प्रतापनगर और सुखेर थाने शहर के सबसे बड़े थानों में शुमार हैं। प्रतापनगर थाने का एरिया 25 किलोमीटर तक फैला है। इसमें देबारी, मादड़ी, ठोकर, यूनिवर्सिटी, कालका माता, कानपुर, लकड़वास, साकरोदा गांव शामिल हैं।
सुखेर थाना क्षेत्र 14 किलोमीटर तक फैला है, जो कैलाशपुरी, आरके सर्किल, कविता, बेदला, न्यू आरटी ऑफिस तक फैला है। दोनों में कई गांव और हाईवे आते हैं। इस कारण यहां अपराध की दर ज्यादा है। प्रतापनगर में चोरी के 82 व सुखेर थाने में 78 मामले चोरी के सामने आए हैं। सबसे कम हत्या के केस क्रमश: 5 और शून्य हैं।
चोरी बढ़ने के तीन कारण
चोरियां बढ़ने के पीछे तीन प्रमुख कारण सामने आ रहे हैं। युवाओं में बढ़ रही नशे की लत भी बड़ा कारण है। मादक पदार्थों के पैसे जुटाने के लिए वह चोरियां करते हैं। दूसरा कारण कानून व्यवस्था है। क्योंकि पुलिस हर समय और हर जगह उपलब्ध नहीं हो सकती है। इसका फायदा उठा कर चोर सक्रिय होते हैं। बेरोजगारी की वजह से भी चोरियां बढ़ रही हैं। पैसे कमाने के लिए चोरी का रास्ता चुनते हैं।