उदयपुर जिले के पाटिया थाना क्षेत्र के कनबाई छत्री इलाके में बुधवार रात एक मकान में लगी भीषण आग में नाबालिग भाई-बहन जिंदा जल गए। जबकि उनके माता-पिता झुलस गए। वे अपने 2 बच्चों को लेकर बाहर भागे और बचे हुए 2 बच्चों को बचाने के लिए जली हुई हालत में बाहर चिल्लाते रहे। लेकिन दोनों बच्चे जिंदा जल गए।पति-पत्नी को जली हुई हालत में खेरवाड़ा अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें डूंगरपुर अस्पताल रेफर कर दिया गया।
घर के बाहर है चाय-नाश्ते की दुकान
प्रभुलाल गमेती 48 अपनी पत्नी पुष्पा 42 और 4 बच्चों के साथ कनबाई छत्री इलाके में केलूपोश कच्चे मकान में रहते हैं। घर के बाहर ही उनकी चाय-नाश्ते की दुकान है। बुधवार रात करीब 8 बजे अचानक उनकी झोपड़ी में आग लग गई। माता-पिता तुरंत अपने 2 बच्चों को लेकर बाहर आ गए, बचे हुए 2 बच्चे झोपड़ी में ही रह गए। अचानक आग भड़क गई और दोनों बच्चे बाहर नहीं आ सके।
बच्चों को बचाने के प्रयास में माता-पिता भी झुलसे
माता-पिता ने अपने दोनों बच्चों को बचाने का काफी प्रयास किया, लेकिन तब तक आग ने पूरे केलूपोश मकान को अपनी चपेट में ले लिया था। आग भीषण होने के कारण माता-पिता अपने दोनों बच्चों को नहीं बचा पाए और खुद भी झुलस गए। आसपास के लोगों ने पानी डालकर आग बुझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन वे असफल रहे। इससे दोनों बच्चे बेटी जीनल गमेती 14 और बेटा सिद्धार्थ गमेती 8 इस भीषण आग में जिंदा जल गए। दोनों के शव लकड़ी की तरह बुरी तरह जल गए थे और जलने के बाद काफी सख्त हो गए थे।
थाना अधिकारी बोले- आग लगने का कारण पता नहीं चल सका
थाना अधिकारी देवेंद्र सिंह ने बताया कि प्रभुलाल गमेती के केलूपोश मकान में लगी भीषण आग में उनकी बेटी जीनल और बेटा सिद्धार्थ जिंदा जल गए। बेटी सरकारी स्कूल में 8वीं और बेटा तीसरी कक्षा में पढ़ता था। थानाधिकारी ने बताया कि मकान में आग शॉर्ट सर्किट या पेट्रोल से लगी है। फिलहाल कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। दोनों नाबालिगों के शव खेरवाड़ा अस्पताल में रखवाए गए हैं। जहां गुरुवार को उनका पोस्टमार्टम कराया जाएगा।इस बीच मृतक के माता-पिता का इलाज जारी है।
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