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पंचायत चुनाव की देरी पर भड़के गहलोत बोले- राज्य सरकार लोकतंत्र से कर रही खिलवाड़, जानबूझकर नहीं करवा रही चुनाव

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पूर्व विधानसभा अध्यक्ष परसराम मदेरणा की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा के बाद पत्रकारों से बातचीत में गहलोत ने कई अहम मुद्दों पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि परसराम मदेरणा एक बड़े जाट नेता थे। विधानसभा अध्यक्ष और मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल यादगार रहा। मैं उन्हें नमन करता हूँ। राजस्थान में पंचायती राज चुनावों पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा, "राज्य की भाजपा सरकार जानबूझकर पंचायत चुनाव नहीं करा रही है। संविधान की धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। यह सरकार 'एक राज्य एक चुनाव' के नाम पर लोकतंत्र से खिलवाड़ कर रही है।"

'लोकतंत्र में चुनाव होने ही चाहिए'
गहलोत ने कहा, "कर्मचारियों का मुद्दा हमारे समय में भी था, उस समय भी मुश्किल था। लेकिन, मामला हाईकोर्ट गया, कोर्ट ने कहा कि चुनाव समय पर होंगे। अब देखिए, चुनाव होंगे या नहीं, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन लोकतंत्र में चुनाव तो होने ही चाहिए।"

15 से 20 दिन में सीएम को सौंपी जाएगी रिपोर्ट - मंत्री अविनाश गहलोत
यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा है कि पंचायतों के साथ-साथ निकायों में भी चुनाव होने से प्रक्रिया सरल होगी और संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा। अब तमाम सवालों और अटकलों के बीच, कैबिनेट सब कमेटी के सदस्य अविनाश गहलोत ने कहा कि 15 से 20 दिन में सीएम को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। इसके बाद मुख्यमंत्री स्तर पर अंतिम फैसला लिया जाएगा और रिपोर्ट के आधार पर चुनाव कार्यक्रम तय किया जाएगा।

'धनखड़ का इस्तीफा चौंकाने वाला'

उपाध्यक्ष जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर गहलोत ने कहा, "मैंने पहले ही कहा था कि दोनों लोक सभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष केंद्र सरकार और संघ के दबाव में काम कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "जगदीप धनखड़ का उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा चौंकाने वाला है। कुछ दिन पहले उन्होंने जयपुर में कहा था कि उन पर कोई दबाव नहीं है, लेकिन अब उनका अचानक इस्तीफा देना दर्शाता है कि उन पर दबाव था। मेरा मानना है कि उनका स्वास्थ्य ठीक है और यह इस्तीफा दबाव का नतीजा है।"

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