भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की कोशिश कर रहे रूस के मीडिया आउटलेट्स को सोशल मीडिया पर हाल ही में अच्छी प्रतिक्रिया मिली.
भारत पर ध्यान देने वाले इनके एक्स हैंडल्स को दो बड़े घटनाक्रमों के दौरान ख़ास पहुंच और चर्चा मिली. ये घटनाएं थीं 7 से 10 मई के बीच भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष और 13 से 24 जून के बीच इसराइल-ईरान युद्ध.
बीबीसी मॉनिटरिंग ने 1 अप्रैल से 13 जुलाई के बीच ब्रैंडवॉच और न्यूज़व्हीप टूल्स का इस्तेमाल कर, रूस के दो बड़े सरकार समर्थित मीडिया प्लेटफ़ॉर्म स्पुतनिक इंडिया और आरटी इंडियाकी भारतीय दर्शकों और पाठकों के लिए की गई कवरेज का विश्लेषण किया.
इसमें पता चला कि एक्स पर इन दोनों प्लेटफ़ॉर्म के फॉलोअर्स और एंगेज़मेंट में बढ़ोतरी हुई.
डेटा से यह भी स्पष्ट हुआ कि दुनिया में सैन्य तनाव और राजनीतिक अस्थिरता के दौरान इन दोनों प्लेटफ़ॉर्म की भारत में डिजिटल पहुंच और एंगेज़मेंट के बीच सीधा संबंध रहा.
यह भी सामने आया कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर इन दोनों प्लेटफ़ॉर्म का रुख़ रूस के आधिकारिक रुख़ से कुछ अलग था.
एक्स पर स्पुतनिक इंडिया का दावा है कि वह 'पश्चिमी पक्षपात से मुक्त' ख़बरें देता है. स्पुतनिक ने 22 अप्रैल से 7 मई के बीच 4,891 नए फॉलोअर हासिल किए.
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी और 6-7 मई को भारत ने इस हमले के जवाब में पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई की थी. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को ज़िम्मेदार ठहराया, लेकिन पाकिस्तानी सरकार ने इस आरोप से इनकार किया.
13 जून तक स्पुतनिक इंडिया के फॉलोअर बढ़कर 92,560 हो गए. 1 अप्रैल की तुलना में इसमें 17,346 नए फॉलोअर्स जुड़े. 1 अप्रैल को फॉलोअर्स की संख्या 75,214 थी.
10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीचसंघर्षविराम होने के बाद भी स्पुतनिक इंडिया के फॉलोअर लगातार बढ़ते रहे.
इसी दौरान, भारत पर केंद्रित दूसरे बड़े अकाउंट आरटी इंडिया के फॉलोअर्स भी बढ़े. 1 अप्रैल को इनके 44,600 फॉलोअर थे, जो 13 जुलाई तक बढ़कर 53,800 हो गए.
- रूस भारत को आगाह कर रहा है या यह उसका 'डर' है?
- ट्रंप के 50 फ़ीसदी टैरिफ़ को भारत चुपचाप सह लेगा या इस रूप में दे सकता है जवाब
- रूसी तेल का सबसे बड़ा ख़रीदार चीन, फिर भी ट्रंप के निशाने पर भारत
1 मई से 13 जुलाई तक के न्यूज़व्हीप के डेटा के मुताबिक़, बीबीसी मॉनिटरिंग ने पाया कि 9 मई को आरटी इंडिया को सबसे ज़्यादा डेली इंटरैक्शन (सोशल मीडिया पर लाइक, कमेंट, शेयर जैसी प्रतिक्रियाएं) मिला.
उस दिन भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर था. इस दिन डेली इंटरैक्शन की संख्या 1,16,111 थी.
स्पुतनिक इंडिया को भी उसी दिन 70,294 इंटरैक्शन मिले. ये आंकड़ा 12 मई को बढ़कर 1,12,526 तक पहुंच गया, जो कि सबसे ज़्यादा था.
हालांकि, इसराइल-ईरान युद्ध के दौरान भी दोनों प्लेटफ़ॉर्म का एंगेज़मेंट अच्छा रहा, लेकिन ये भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान बने रिकॉर्ड तक नहीं पहुंच सका.
इस दौरान आरटी इंडिया का सबसे हाई इंटरैक्शन 12 जून को रहा, जब इसे 18,570 इंटरैक्शन मिले.
19 जून को इसराइल ने ईरान में कई ठिकानों पर हमला किया, जिनमेंनतान्ज़ का भूमिगत परमाणु प्लांटभी था. इस दिन स्पुतनिक इंडिया को 33,512 इंटरैक्शन मिले.

भारत के लिए स्पुतनिक इंडिया की अपनी अलग वेबसाइट है, जबकि आरटी इंडिया का माइक्रोसाइट मुख्य आरटी वेबसाइट के अंदर है. दोनों ही भारत के करीब 2.7 करोड़ एक्स यूज़र्स तक लगातार ख़बरें और कमेंट्री पहुंचाकर उनसे जुड़ने की कोशिश करते हैं.
इसके अलावा, आरटी इंडिया जल्द ही अपना भारत ब्यूरो शुरू करने वाला है, जिससे यहां उसकी कवरेज और मैसेजिंग और बढ़ने की उम्मीद है.
25 जून को कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर ने बताया था कि आरटी, ब्रितानी उपनिवेशवाद पर एक डॉक्यूमेंट्री सिरीज़ दिखाएगा, जो उनकी एक किताब पर आधारित होगी.
इन दोनों प्लेटफ़ॉर्म के एक्स हैंडल अपने पोस्ट में मीम, एक्सपर्ट एनालिसिस और ब्रेकिंग न्यूज़ अपडेट का इस्तेमाल करते हैं. लगता है कि ये बड़े अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम और संघर्षों का इस्तेमाल भारतीय ऑडियंस के साथ एंगेज़मेंट बढ़ाने के लिए कर रहे हैं.
कई बार इन प्लेटफ़ॉर्म का रुख़ रूस की आधिकारिक लाइन से अलग भी दिखा है. उन्होंने कुछ देशों के समर्थन में और कुछ के ख़िलाफ़ खुलकर राय दी है.
पाकिस्तान के साथ झड़पों के दौरान दोनों प्लेटफ़ॉर्म ज़्यादातर भारत के पक्ष में पोस्ट करते दिखे, जबकि इस मामले पर रूस का आधिकारिक रुख संयम और बातचीत की अपील का था.
7 मई को रूस के विदेश मंत्रालय ने भारत और पाकिस्तान, दोनों से अपील की थी कि वे "संयम बरतें" ताकि क्षेत्र की स्थिति और न बिगड़े.
ईरान-इसराइल युद्ध के दौरान भी स्पुतनिक इंडिया और आरटी इंडिया, दोनों ने भारतीय ऑडियंस के लिए अपने संदेशों में ईरान का पक्ष लिया. उन्होंने अक्सर इसराइल और अमेरिका को हमलावर के रूप में पेश किया.
13 जून से 15 जुलाई के बीच, आरटी इंडिया ने 12 ईरान समर्थक और 24 अमेरिका विरोधी पोस्ट किए. स्पुतनिक इंडिया पर तीन ईरान समर्थक और आठ अमेरिका विरोधी पोस्ट रहे.
स्पुतनिक इंडिया ने एक्स पर लिखा कि "ये हैरान करने वाली बात है कि ईरान ताक़तवर अमेरिकी साम्राज्य और उसके मध्य पूर्व के सहयोगियों के सामने डटा रहा."
स्पुतनिक इंडिया ने इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के देशों को निशाने पर लेते हुए कहा कि उन्होंने ईरान की मदद नहीं की. साथ ही उसने, जॉर्डन, सीरिया और इराक़ जैसे अरब देशों की भी आलोचना की, जो अमेरिका और इसराइल के साथ खड़े थे.
हालांकि, रूस और चीन की ओर से ईरान को सैन्य मदद न मिलने को उसने सही ठहराया. वजह बताई कि ईरान का चीन और रूस के साथ कोई औपचारिक सैन्य गठबंधन नहीं है.
स्पुतनिक इंडिया ने 16 जून को चेतावनी दी कि "ईरान के ख़िलाफ़ इसराइल का युद्ध भारत की तरक्की के लिए ख़तरा है."
उसने कहा कि इस संकट का असर इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (आईएनएसटीसी) जैसे अहम प्रोजेक्ट्स पर पड़ सकता है, जो भारत, ईरान और रूस को जोड़ता है.
- अमेरिकी मीडिया में भारत के ख़िलाफ़ ट्रंप की सख़्ती के पीछे बताए जा रहे हैं ये कारण
- ट्रंप के टैरिफ़ को मोदी सरकार ने बताया 'तर्कहीन', चीन पर शुल्क लगाने के बारे में ट्रंप ने ये कहा
- डोनाल्ड ट्रंप भारत से क्यों नाराज़ हैं? ये हैं पांच बड़ी वजहें
दोनों संघर्षों के साथ अमेरिका का सीधा संबंध था. अमेरिका ने ईरान पर इसराइली हमलों में हिस्सा लिया और डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान तनाव कम करने का श्रेय ख़ुद को दिया. भारत ने इस दावे को सार्वजनिक रूप से ख़ारिज किया था.
रूसी सरकारी मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ने भारत के रुख़ का समर्थन किया, ट्रंप के दावों को कम महत्व दिया और भारत के अभियान को लेकर पश्चिमी नीतियों और मीडिया कवरेज को ज़िम्मेदार ठहराया.
1 मई से 15 जुलाई के बीच, स्पुतनिक इंडिया और आरटी इंडिया के ऐसे पोस्ट, जिनमें अमेरिका, पश्चिमी नीतियों या मीडिया का ज़िक्र था, उनको एक्स पर अच्छी खासी प्रतिक्रिया मिली.
स्पुतनिक इंडिया को "पश्चिमी वर्चस्व, पाखंड और हस्तक्षेप" जैसे कीवर्ड्स वाले पोस्ट पर 98,455 इंटरैक्शन मिले.
इसी समय में आरटी इंडिया को ऐसे ही मुद्दों पर 7,890 इंटरैक्शन मिले, जो दिखाता है कि इस मुद्दे पर भारतीय यूज़र्स के बीच इसकी पहुंच सीमित रही.
बीबीसी मॉनिटरिंग ने ब्रैंडवॉच और न्यूज़व्हीप जैसे टूल्स का इस्तेमाल करके 1 अप्रैल से 15 जुलाई के बीच एक्स पर रूस समर्थित दो बड़े अकाउंट, आरटी इंडिया और स्पुतनिक इंडिया के पोस्ट का परफ़ॉर्मेंस देखा. इस दौरान उन पोस्ट को देखा गया जिनका फोकस भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष और इसराइल-ईरान युद्ध पर था.
दोनों ही मामलों में ऐसे देशों के बीच टकराव हुआ, जो लंबे समय से एक-दूसरे के विरोधी रहे हैं.
न्यूज़व्हीप पर भारत-पाकिस्तान और ईरान-इसराइल झड़पों से जुड़े की-वर्ड डालकर एक डैशबोर्ड बनाया गया, ताकि इनसे जुड़ी अहम तारीखों पर रूसी एक्स अकाउंट के परफॉर्मेंस को ट्रैक किया जा सके.
ब्रैंडवॉच के ज़रिए यह भी देखा गया कि इस दौरान दोनों प्लेटफ़ॉर्म के फॉलोअर्स कितने बढ़े.
इस रिपोर्ट को तैयार करने में बीबीसी मॉनिटरिंग की डेटा हब टीम ने भी काम किया.
- 'दुश्मन अगर ख़ुद को बर्बाद करने पर तुला हो तो न दें दख़ल', ट्रंप की भारत को धमकी पर जानकार क्या बोले
- रूस से तेल की सप्लाई घटी तो भारत के पास क्या विकल्प होंगे और इनका असर क्या होगा?
- अमेरिका के साथ भारत के रिश्तों की 'तल्ख़ी' का फ़ायदा उठाएगा पाकिस्तान?
You may also like
Aaj ka Makar Rashifal 10 August 2025 : आज का मकर राशिफल प्यार, करियर और धन में मिलेगी बड़ी सफलता
हाथी ने लच्छीवाला टोल प्लाजा पर मचाया हंगामा, कार का शीशा तोड़ा!
मुंबई : महिला पुलिसकर्मियों के साथ रक्षा बंधन मनाने पहुंचे गृह राज्य मंत्री योगेश कदम
सीबीआई ने राजस्थान के पाली से लापता नाबालिग लड़की को किया बरामद, पांच आरोपी गिरफ्तार
टी20 इतिहास में साउथ अफ्रीका के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी, जानिए कैसा रहा रिकॉर्ड?