ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई क़रीब पाँच साल में पहली बार जुमे की नमाज़ के दिन सार्वजनिक तौर पर उपस्थित हुए. इस दौरान उन्होंने धार्मिक उपदेश भी दिए और इसराइल, अमेरिका समेत कई यूरोपीय देशों पर तीखे शब्दों में हमला किया.
ख़ामेनेई की यह सार्वजनिक मौजूदगी इसलिए भी ख़ास है क्योंकि इसराइल और ईरान के बीच बढ़े तनाव के माहौल में उनके भूमिगत हो जाने की अटकलें भी लगाई जा रही थीं.
इन अटकलों के पीछे बड़ी वजह कुछ दिनों के अंदर ही हमास और हिज़्बुल्लाह के कई वरिष्ठ नेताओं और कमांडरों की हत्या भी है.
ईरान इसके लिए इसराइल को दोषी ठहराता है और इसी का बदला लेने के लिए उसने इसराइल पर मिसाइलें दाग़ी थीं.
BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए करें 'ख़ामेनेई की अफ़वाहों पर रोक लगाने की कोशिश' Getty Images शुक्रवार को आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई की सार्वजनिक मौजूदगी ने उनके गुप्त ठिकाने पर चले जाने की अफ़वाहों पर विराम लगा दियाइससे पहले आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने साल 2020 में जुमे की नमाज़ पर संबोधन दिया था. उस वक़्त अमेरिका ने ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स कोर (आईआरजीसी) के जनरल क़ासिम सुलेमानी की हत्या की थी. उससे भी पहले ख़ामेनेई ने साल 2012 में इस तरह का सार्वजनिक संबोधन दिया था.
आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई के एक बार फिर से सार्वजनिक तौर पर संबोधन को दुनियाभर के प्रमुख अख़बारों ने जगह दी है.
ने ख़ामेनेई के भाषण पर विस्तार से ख़बर छापी है. उसके मुताबिक़, "क़रीब पांच साल के बाद शुक्रवार की नमाज़ में ख़ामेनेई की यह पहली बड़ी सार्वजनिक मौजूदगी थी. उनके इस कार्यक्रम की घोषणा कई दिन पहले ही कर दी गई थी."
उसके मुताबिक़ ख़ामेनेई ने अपने भाषण में कुछ भी नया नहीं कहा है. इसराइल और अमेरिका के ख़िलाफ़ उनकी नफ़रत समेत हर बात उस वैचारिक नैरेटिव के अनुसार थी जो साल 1979 से जारी है.
साल 1979 में ईरान में इस्लामिक क्रांति के बाद वहाँ नई सत्ता कायम हुई थी.
ईरान इंटरनेशनल मीडिया ग्रुप लिखता है कि गुरुवार की रात को ही ख़ामेनेई की विशेष सुरक्षा ब्रिगेड ने हेम्मत एक्सप्रेसवे और अब्बासाबाद एवेन्यू के बीच के पूरे इलाक़े को घेर लिया था. इस दौरान आईआरजीसी के खोजी कुत्तों और बम निरोधक दस्तों ने सभी पेड़, झाड़ियों, पार्किंग में लगी गाड़ियों और सड़कों की जाँच की.
इस ख़बर के मुताबिक़- 'ईरान पर नज़र रखने वाले लोग मानते हैं कि यह कार्यक्रम ख़ामेनेई के प्रति समर्थन और तेहरान की सुरक्षा को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया गया था.'
'इस कार्यक्रम का मक़सद उन अफ़वाहों को दूर करना भी था, जिनमें कहा गया था कि 28 सितंबर को बेरूत में लेबनान में हिज़्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की मौत के बाद ख़ामेनेई एक गुप्त बंकर में छिपे हुए हैं.'
इसराइल के प्रमुख अख़बार लिखता है कि ईरान के सर्वोच्च नेता ख़ामेनेई ने अपने उपदेश के दौरान हाथ में बंदूक़ लेकर दावा किया कि इसराइल 'हमास और हिज़्बुल्लाह को कभी नहीं हरा पाएगा'.
''ख़ामेनेई ने शुक्रवार को अपने धार्मिक उपदेश में इसी सप्ताह इसराइल पर किए गए मिसाइल हमले का समर्थन किया. इन मिसाइल हमलों की वजह से क्षेत्रीय युद्ध की आशंकाएं बढ़ गई हैं.''
द टाइम्स ऑफ़ इसराइल के मुताबिक़ ख़ामेनेई ने ''आतंकी प्रमुखों'' की हत्या के बाद यह बयान दिया है और कहा है कि ईरान के मिसाइल हमले यहूदी अपराधों के लिए न्यूनतम सज़ा है.
ख़ामेनेई ने अपने भाषण में दक्षिणी इसराइल में पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास के नेतृत्व में किए गए आक्रमण और नरसंहार की प्रशंसा की और उसे "तार्किक और कानूनी" बताया है.
अख़बार के मुताबिक़ इसी वजह से ग़ज़ा में जंग शुरू हुई है और पूरे मध्य पूर्व में हिंसा बढ़ी है.
ने भी ख़ामेनेई के इस कार्यक्रम पर विस्तार से ख़बर छापी है.
अख़बार लिखता है कि ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह सैय्यद अली ख़ामेनेई ने दावा किया है कि अमेरिका और पश्चिमी देशों ने पिछले साल ईरानी 'प्रॉक्सी' गुटों से लड़ने के लिए इसराइल को वित्तीय, सैन्य और खुफिया मदद मुहैया कराई थी.
अख़बार लिखता है कि ईरानी प्रेस टीवी के मुताबिक़ ईरान के सर्वोच्च नेता ने अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों पर आरोप लगाया है, "जो लोग हमारे क्षेत्र में शांति और सौहार्द की वकालत का दावा करते हैं उन्हीं की मौजूदगी की वजह से हमारे क्षेत्र में संघर्ष, समस्या, युद्ध, चिंता और दुश्मनी का जन्म हुआ है."
अख़बार के मुताबिक़ ख़ामेनेई ने पिछले साल 7 अक्तूबर को इसराइल पर हमास के हमलों की प्रशंसा की है. उन्होंने फ़लस्तीनी इलाक़ों पर इसराइल के लंबे समय से चले आ रहे कब्ज़े की वजह से हमास के हमलों को तार्किक, न्यायसंगत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क़ानूनन वैध बताया है.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने ख़ामेनेई के भाषण पर जॉर्ज वॉशिंगटन विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर और ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा के विशेषज्ञ सिना अज़ोदी से बात भी की है.
सिना अज़ोदी के मुताबिक़- ख़ामेनेई दूसरे देशों को यह संदेश भेज रहे हैं कि ईरान कोई अतार्किक कार्रवाई नहीं करेगा या आगे नहीं बढ़ेगा बल्कि वह संभावित हमलों का जवाब देगा.
अख़बार लिखता है कि देश के टेलीविजन ने विशाल मैदान में हज़ारों समर्थकों की भीड़ को दिखाया, जहाँ पुरुष और महिलाएं अलग-अलग बैठे थे. लोग मध्य तेहरान की सड़कों पर जमा हो रहे थे और हिज़्बुल्लाह, लेबनानी और फ़लस्तीनी झंडे और हसन नसरल्लाह के पोस्टर लहरा रहे थे.
Getty Images ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई के कार्यक्रम की तैयारी में लगे लोगअख़बार ने ख़ामेनेई के कार्यक्रम में आई एक महिला का ज़िक्र किया है जो शहादत के प्रतीक के तौर पर सफे़द कपड़ों में, अपने परिवार के साथ आई थी. यह महिला सरकारी टेलीविजन से कह रही थी कि वो एक संदेश देने आई है, "दुश्मन ने हमें धमकी दी है, इसलिए हम यहाँ ये कहने के लिए आए हैं कि हम किसी से डरते नहीं हैं."
अख़बार लिखता है कि आधिकारिक बयानबाज़ी के बावजूद इंटरव्यू, वर्चुअल टाउन हॉल और सोशल मीडिया पोस्ट में कई ईरानियों ने इसराइल के साथ युद्ध को लेकर चिंता जताई है और कहा है कि वो ऐसा नहीं चाहते हैं.
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक़- ख़ामेनेई के कार्यक्रम के दौरान ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान, संसद के प्रमुख और वरिष्ठ सैन्य कमांडरों सहित वरिष्ठ ईरानी अधिकारी आगे की कतार में बैठे हुए थे. पेज़ेश्कियान ने कार्यक्रम से पहले पत्रकारों से कहा कि समारोह का मक़सद "एकता, एकजुटता और शक्ति का प्रदर्शन करना" है.
ने लिखा है कि ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई ने तेहरान में शुक्रवार की नमाज के दौरान उपदेश दिया है, जबकि वहां हज़ारों लोग हिज़्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की याद में इकट्ठा हुए.
अख़बार के मुताबिक़ इस दौरान ईरान के विदेश मंत्री ने इसराइल के हवाई और ज़मीनी अभियान के बीच लेबनान के साथ एकजुटता दिखाने के लिए बेरूत की यात्रा की. वो रात में इसराइली हवाई हमले के कुछ ही घंटों बाद वहां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे.
मुस्लिम देशों से अपील Getty Images ईरान में हिज़्बुल्लाह के समर्थन में जुटे लोगविदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माईल बाघेई ने कि ईरानी विदेश मंत्री ने लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती से मुलाक़ात की और लेबनान पर इसराइल के हमलों और "फ़लस्तीनियों के जारी नरसंहार" को समाप्त करने के लिए "सामूहिक कूटनीतिक प्रयासों को तेज़ करने" की ज़रूरत पर चर्चा की.
मध्य-पूर्व की ख़बरों के प्रमुख इसराइली ईरानी सर्वोच्च नेता ने अपनी एक असामान्य उपस्थिति में इसराइल पर मिसाइल हमले की सराहना की है और ज़रूरत पड़ने पर फिर से हमला करने की कसम खाई है.
अख़बार लिखता है कि इस मौक़े पर ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के उप प्रमुख ने कहा है कि अगर इसराइल ने ईरान पर हमला किया तो ईरान इसराइली ऊर्जा और गैस प्रतिष्ठानों को निशाना बनाएगा, जबकि ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान लेबनान में संघर्ष विराम के प्रयासों का समर्थन तभी करेगा जब इसमें ग़ज़ा का इलाक़ा भी शामिल होगा.
, ख़ामेनेई ने कहा है कि ईरान और इसके सहयोगी इसराइली हमलों की वजह से पीछे नहीं हटेंगे. ईरान के सर्वोच्च नेता ने इसराइल पर ईरान के हमले को वैध बताया है और मुस्लिम देशों से एकजुट होने की अपील की है.
मंगलवार को ईरान ने इसराइल पर क़रीब 200 मिसाइलें दाग़ी थीं, उसके बाद ख़ामेनेई की ये पहली सार्वजनिक उपस्थिति थी, उन्होंने मध्य तेहरान में इमाम खुमैनी ग्रैंड मोसल्ला मस्जिद में नमाज भी पढ़ाई.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां कर सकते हैं. आप हमें , , , और पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)
You may also like
कैथल में 11 बजे तक 22.21 प्रतिशत मतदान, पूंडरी सीट पर सबसे अधिक वोटिंग
T20 वर्ल्ड कप में ऋचा घोष से हुआ Blunder, लड्डू कैच टपकाया और फिर जमीन पर धड़ाम से गिरी; देखें VIDEO
पलवल जिले में 11 बजे तक 27.94% मतदान,हथीन सीट पर सबसे कम 25.40 प्रतिशत
जयपुर के दो नामी होटलों को मिला बम से उड़ाने की धमकी भरा ई-मेल