अभिषेक शर्मा ने अपने घरेलू मैदान पर जिस तरह की विस्फोटक पारी खेली, उसकी चर्चा सालों-साल की जाती रहेगी.
उनकी 141 रनों की रिकॉर्डतोड़ पारी का ही कमाल है कि पंजाब किंग्स के 246 रन के लक्ष्य को भी बौना बना दिया और सनराइज़र्स हैदराबाद ने नौ गेंद बाकी रहते ही आठ विकेट से यह मैच जीत लिया.
पंजाब ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए छह विकेट पर 245 रन बनाए, इसके जवाब में हैदराबाद ने दो विकेट पर 247 रन बनाकर मैच जीत लिया.
यह आईपीएल इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल किया गया है. पंजाब किंग्स ने पिछले साल केकेआर के ख़िलाफ़ 262 रन का लक्ष्य हासिल किया था.
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इस मैच में कुल 492 रन बने और सनराइज़र्स हैदराबाद और पंजाब किंग्स के बीच यह सबसे बड़ा स्कोर है.
हैदराबाद इस मैच से पहले तक दो अंकों के साथ अंकतालिका में आख़िरी स्थान पर थी. पर सीज़न की दूसरी जीत से चार अंकों के साथ अब वह आठवें स्थान पर आ गई है.
अभिषेक शर्मा का पिछला सीज़न बहुत बेहतरीन रहा था. लेकिन इस सीज़न के शुरुआती पांच मैचों में उनका बल्ला चमक बिखेरने में असफल रहा था.
लेकिन इस मैच में खेली गई शतकीय पारी ने खुद उनका और अपनी टीम के मनोबल को वापस ला दिया है.
अभिषेक ने मात्र 40 गेंदों में अपना शतक पूरा किया. इसमें उन्होंने 11 चौके और छह छक्के लगाए और वह 250 के स्ट्राइक रेट से खेले.
उन्होंने शतक पूरा होने के बाद भी टीम को जीत की तरफ़ बढ़ाने के काम को जारी रखा. वह 141 रन बनाकर जब अर्शदीप की गेंद पर कैच आउट हुए, तब तक वह अपनी टीम को जीत तक पहुंचा चुके थे. इस पारी के दौरान उन्होंने 55 गेंदों में 14 चौके और 10 छक्के लगाए.
अभिषेक का यह शतक हैदराबाद के लिए दूसरा सबसे तेज़ शतक है. सबसे तेज़ शतक उनके ओपनिंग जोड़ीदार ट्रेविस हेड के नाम 39 गेंदों में दर्ज है.
अभिषेक सिर्फ एक गेंद से इस रिकॉर्ड से पिछड़ गए. वहीं वॉर्नर के नाम 43 गेंदों में शतक दर्ज है.
लक्ष्य का पीछा करने में सबसे बड़ी पारीअभिषेक ने भले ही आईपीएल इतिहास का तीसरा सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर बनाया है. पर लक्ष्य का पीछा करते हुए यह किसी भी खिलाड़ी का सबसे बड़ा स्कोर है.
आईपीएल इतिहास का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर क्रिस गेल के नाम दर्ज है. उन्होंने 2013 में नाबाद 175 रन की पारी खेली थी. वहीं ब्रेंडन मैकुलम ने 2008 में 158 रन की पारी खेली थी. पर यह दोनों पारियां पहले बल्लेबाज़ी करके आई थीं.
अभिषेक, इस पारी के दौरान लगाए 10 छक्कों से सनराइज़र्स के लिए पारी में सबसे ज़्यादा छक्के लगाने वाले खिलाड़ी भी बन गए हैं.
उन्होंने पिछले सीज़न में 42 छक्कों की बौछार की थी पर इस सीज़न में वह इस मैच से पहले एक भी छक्का नहीं लगा सके थे. पर अब उनकी रंगत को देखते हुए पिछले प्रदर्शन से आगे निकलने की उम्मीद की जा सकती है.

अभिषेक शर्मा के युवराज सिंह सिर्फ मेंटोर ही नहीं हैं बल्कि उनके खेलने का अंदाज़ भी काफ़ी समान है. वह भी युवराज की तरह ही बल्ले को काफ़ी ऊपर पकड़ते हैं और उनकी तरह ही क्लीन हिट करते हैं.
अभिषेक को दर्शकों ने दो बार खड़े होकर उनके प्रदर्शन के लिए सम्मान प्रदान किया. पहले उनके शतक लगाने पर और फिर आउट होकर लौटने पर पूरे स्टेडियम ने खड़े होकर तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया. इनमें उनके पिता राजकुमार शर्मा और माता भी मौजूद थीं.
अभिषेक ने मैच के बाद कहा, ".......माता और पिता की मैच में मौजूदगी का सिर्फ़ मुझे ही नहीं बल्कि पूरी टीम को इंतज़ार था, क्योंकि वे टीम के लिए काफ़ी भाग्यशाली हैं....."
पिता के समझाने का है यह कमालअभिषेक के पिता राजकुमार शर्मा कहते हैं कि वह पहले मैच में शून्य पर आउट होने का दोष छक्के लगाने की आदत को मान रहे थे.
उन्होंने कहा कि 'मैंने उसे समझाया कि तुम्हारी छक्के लगाने की क्षमता ने ही यहां तक पहुंचाया है. अब अपनी स्टाइल को क्यों बदलना चाहते हो. अपनी ताक़त पर डटे रहो.'
बेटे ने पिता की बात मानी और अपना पहला अंतरराष्ट्रीय रन छक्के से बनाया और शतक भी लगातार तीन छक्के लगाकर पूरा किया.
राजकुमार शर्मा बताते हैं कि शुभमन गिल अभिषेक का बचपन का दोस्त है, उसने और कोच वीवीएस लक्ष्मण ने पहले मैच में शून्य पर आउट होने के बाद अभिषेक का भरोसा बढ़ाया.
लक्ष्मण ने उससे कहा कि 'तुमने आईपीएल में दुनियाभर के गेंदबाजों की धुनाई लगाई है और इस मैच को भी आईपीएल के मैच की तरह ही लो. तुम अपना समय लो और एक बार जम जाओगे तो तुम्हें कोई भी नहीं रोक सकता है. उनकी इस सलाह का ही इस मैच में कमाल देखने का मिला.'
हेड और अभिषेक की साझेदारी ने बनाई जीत की राहट्रेविस हेड को महत्वपूर्ण मौकों पर बेहतरीन प्रदर्शन के लिए जाना जाता है. वैसे तो वह भी आक्रामक अंदाज़ में खेलने वाले हैं. पर उन्होंने अभिषेक के सहयोगी की भूमिका निभाई.
हेड ने ओपनिंग साझेदारी में 12.2 ओवरों में 171 रन की साझेदारी बनाकर पंजाब की संघर्ष क्षमता की जान निकाल दी.
हेड ने चहल की गेंद पर चौका लगाकर 31 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया. इसमें उन्होंने आठ चौके और दो छक्के लगाए. उन्होंने 37 गेंदों में 66 रनों का योगदान किया. वह मैक्सवेल की गेंद पर छक्का लगाने के बाद उसे फिर दोहराने के प्रयास में कैच हुए.
हेड की पारी में नौ चौके और तीन छक्के शामिल थे.
श्रेयस अय्यर ने 36 गेंदों में 82 रन की पारी खेलकर टीम के स्कोर को 245 रन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. इसमें उन्होंने छह चौके और छह छक्के लगाए.
श्रेयस ने बल्लेबाज़ी में तो टीम की अगुआई अच्छे से की पर अभिषेक और ट्रेविस हेड की साझेदारी के दौरान वह हथियार डालते दिखे.
श्रेयस ने मैच के बाद कहा, "......हमने अच्छा स्कोर बनाया था पर उनके दो ओवर बाकी रहते लक्ष्य को पाने से हैरान हूं. यह कहा जाता है कि कैच मैच जिताते हैं और हम इस मामले में पिछड़ गए......"
इसमें कोई दो राय नहीं कि अभिषेक ने बहुत ही उम्दा पारी खेली पर उन्हें भाग्य का भी साथ मिला. वह जब 28 रनों पर थे, उस समय यश ठाकुर की गेंद पर कैच हो गए. पर वह गेंद नो बॉल हो गई. इसके अलावा एक बार विकेटकीपर उनका कैच पकड़ने में सफल नहीं हो सके.
शमी की ख़र्चीली गेंदबाज़ीमोहम्मद शमी को डेथ ओवर्स का विशेषज्ञ माना जाता है. पर वह आजकल अपनी रंगत में नहीं दिख रहे हैं. उन्होंने बिना विकेट लिए 75 रन दिए और इस सीज़न के जोफ़्रा आर्चर के रिकॉर्ड तक पहुंचने से सिर्फ़ एक रन दूर रह गए.
जोफ़्रा ने सनराइज़र्स के ही ख़िलाफ़ बिना विकेट लिए 76 रन देकर इस सीज़न का अनचाहा रिकॉर्ड बनाया था.
प्रभसिमरन ने पहले ओवर में तीन चौके लगाकर शुरुआत की और फिर प्रियांश आर्या ने तीसरे ओवर में लगातार दो छक्के और एक चौका लगाकर शमी की लेंथ बिगाड़ दी. पर स्टॉयनिस ने आख़िरी ओवर में लगातार चार छक्के लगाकर शमी को बेहद ख़र्चीला बना दिया.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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