सी पी राधाकृष्णन को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है.
उप राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार राधाकृष्णन वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं.
सी पी राधाकृष्णन की उम्मीदवारी से जुड़ी जानकारी बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में दी है.
उन्होंने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में संसदीय बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से ये फैसला लिया गया है.
बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें
कौन हैं सी पी राधाकृष्णन?चंद्रपुरम पोन्नुसामी (सी पी) राधाकृष्णन बीजेपी के पूर्व वरिष्ठ नेता हैं और लंबे समय तक संगठन में सक्रिय रहे हैं. वे दो बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं और पार्टी की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष पद पर भी कार्य कर चुके हैं.
सी पी राधाकृष्णन ने दक्षिण भारत में भाजपा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वे तमिलनाडु के कोयंबटूर से दो बार लोकसभा के लिए चुने गए थे.
उन्होंने यहां दो बार, 1998 और 1999 में जीत हासिल की. लेकिन उसके बाद, उन्हें 2004, 2014 और 2019 में लगातार तीन बार कोयंबटूर से हार का सामना करना पड़ा.

फ़रवरी 2023 में उन्हें झारखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया. झारखंड के राज्यपाल रहते हुए उन्हें तेलंगाना के राज्यपाल और पुदुच्चेरी के उप राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार भी सौंपा गया था. इसके बाद जुलाई 2024 में वे महाराष्ट्र के राज्यपाल बने.
राधाकृष्णन ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र आंदोलन से की थी.
2007 में, जब वे तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष थे, उन्होंने राज्य में 93 दिनों की 19,000 किलोमीटर लंबी 'रथ यात्रा' की थी. इस यात्रा में उन्होंने मुख्य रूप से नदी जोड़ो, आतंकवाद, समान नागरिक संहिता, अस्पृश्यता और नशे के दुष्परिणाम जैसे मुद्दों पर ध्यान आकर्षित किया.

महाराष्ट्र राजभवन की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, 20 अक्तूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे सी पी राधाकृष्णन ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री हासिल की. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक के रूप में शुरुआत करके वे 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने.
1996 में उन्हें तमिलनाडु में बीजेपी का सचिव नियुक्त किया गया. इसके बाद वह कोयंबटूर से लोकसभा सांसद बने.
सांसद रहते हुए वे संसदीय स्थायी समिति (कपड़ा मंत्रालय) के अध्यक्ष रहे. इसके अलावा सी पी राधाकृष्णन स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच के लिए बनी विशेष संसदीय समिति के सदस्य थे.
2004 में सी पी राधाकृष्णन ने संसदीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया. वे ताइवान जाने वाले पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी थे.
2016 में उन्हें कोच्चि स्थित कॉयर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया, जहाँ उन्होंने चार साल तक काम किया. उनके नेतृत्व में भारत से नारियल रेशा का निर्यात 2532 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर तक पहुँच गया. 2020 से 2022 तक राधाकृष्णन बीजेपी के केरल प्रभारी थे.
उप राष्ट्रपति का चुनाव परोक्ष होता है, जिसके निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज में राज्यसभा और लोकसभा के सांसद शामिल होते हैं. राष्ट्रपति चुनाव में चुने हुए सांसदों के साथ विधायक भी मतदान करते हैं लेकिन उप राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डाल सकते है.
ख़ास बात यह है कि दोनों सदनों के लिए मनोनीत सांसद राष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं कर सकते लेकिन वे उप राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग कर सकते हैं.
उप राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा हो जाने के 60 दिनों के अंदर चुनाव कराना ज़रूरी होता है. इसके लिए चुनाव आयोग एक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करता है जो मुख्यत: किसी एक सदन का महासचिव होता है.
निर्वाचन अधिकारी चुनाव को लेकर पब्लिक नोट जारी करता है और उम्मीदवारों से नामांकन मंगवाता है. उप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार के पास 20 प्रस्तावक और कम से कम 20 अन्य अनुमोदक होने चाहिए.
प्रस्तावक और अनुमोदक राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य ही हो सकते है. उम्मीदवार को 15 हज़ार रुपए भी जमा कराने होते हैं. इसके बाद निर्वाचन अधिकारी नामांकन पत्रों की जांच करता है और योग्य उम्मीदवारों के नाम बैलट में शामिल किए जाते हैं.
कोई व्यक्ति भारत का उप राष्ट्रपति चुने जाने के लिए तभी योग्य होगा जब वह कुछ शर्तों को पूरा करता हो. जैसे, वह भारत का नागरिक होना चाहिए, उम्र 35 साल से कम नहीं होनी चाहिए और वह राज्यसभा के लिए चुने जाने की योग्यताओं को पूरा करता हो.
अगर कोई भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन कोई लाभ का पद रखता है तो वह उप राष्ट्रपति चुने जाने के योग्य नहीं होगा.
आगामी उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन भरने की आख़िरी तारीख़ 21 अगस्त है. मतदान 9 सितंबर को होगा और नतीजे उसी दिन घोषित किए जाएंगे.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
- किन हालात में हुआ जगदीप धनखड़ का इस्तीफ़ा और कौन होगा अगला उपराष्ट्रपति?
- जगदीप धनखड़ के इस्तीफ़े पर अटकलें तेज़, विवादों से क्यों जुड़ा रहा उनका सियासी सफ़र
- जगदीप धनखड़ पर कांग्रेस की नरमी के पीछे की रणनीति क्या है?
You may also like
Mutual Fund: हर महीने करें 5 हजार रुपए का निवेश, बेटी की पढ़ाई-लिखाई और शादी की चिंता को जाएगी दूर
जेलेंस्की रूस के साथ युद्ध को 'लगभग तुरंत' खत्म कर सकते हैं : ट्रंप
Asia Cup 2025 के लिए शुभमन गिल को Team India में जगह मिलना मुश्किल, इस युवा बल्लेबाज को मिल सकता है मौका
OTT Subscription: 60% तक सस्ता पड़ेगा ओटीटी देखना, सब्सक्रिप्शन लेने से पहले जानें ये कमाल की ट्रिक
इस मुस्लिम देश में पिता अपनी ही बेटी से रचाˈ लेता है शादी संबंध बनाने की भी मिलती है इजाजत