इंडिन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के अंतिम दौर में प्लेऑफ़ की रेस से बाहर हो चुकी टीमों ने अप्रत्याशित परिणाम देने का सिलसिला जारी रखा.
महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में चेन्नई सुपरकिंग्स को आख़िरी स्थान पर रहने के बावजूद इस बात की तसल्ली ज़रूर होगी कि उसने अपने अभियान का अंत जीत के साथ किया.
सीएसके ने टॉप पर मौजूद गुजरात टाइटंस को 83 रनों से हराकर प्लेऑफ़ शुरू होने से पहले उसकी टॉप पर बने रहने की उम्मीदों को झटका दिया है.
सीएसके ने डेवाल्ड ब्रेविस और डेवोन कॉनवे के अर्धशतकों की मदद से 230 रनों का स्कोर खड़ा करके टाइटंस के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं. फिर उम्दा गेंदबाज़ी के दम पर 147 रन पर गुजरात की पारी रोक दी.
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संन्यास पर धोनी ने क्या कहा?महेंद्र सिंह धोनी पिछले कुछ सीज़न में जब भी खेलते हैं, वह उनका आखिरी आईपीएल सीज़न माना जाता है और यह सीज़न भी उससे अलग नहीं था.
धोनी ने मैच के बाद कहा, "मैं ना तो रिटायरमेंट की घोषणा करने वाला हूं और ना ही लौटकर आने की बात कहने वाला हूं."
उन्होंने कहा कि 'मेरे पास यह फै़सला लेने के लिए अभी चार-पांच महीने का समय है. कोई जल्दबाज़ी नहीं है. आपको हमेशा अपनी सर्वश्रेष्ठ स्थिति में रहना होता है. अगर खिलाड़ी प्रदर्शन के आधार पर रिटायर होने लगे तो कुछ खिलाड़ी तो 22 साल की उम्र में ही रिटायर हो जाएंगे.'
धोनी ने बताया, "अब रांची जाऊंगा, थोड़ा बाइक राइड का लुत्फ़ उठाऊंगा. मेरे पास समय है. सोचूंगा और फिर फै़सला लूंगा."
धोनी ने इस मैच में अपनी टीम के प्रदर्शन को परफे़क्ट कहा.
उनका कहना था, "इस सीज़न में हमारी फ़ील्डिंग अच्छी नहीं रही है. लेकिन इस मैच में कैचिंग अच्छी हुई. अब ऋतुराज लौटेंगे तो उन्हें ज़्यादा चीज़ों की चिंता नहीं करनी होगी."
धोनी के बारे में अटकलेंइस मैच से पहले ऐसे क़यास लग रहे थे कि धोनी आख़िरी बार सीएसके की कप्तानी कर रहे हैं. वह अगर अगले साल खेलते भी हैं तो कोई नया कप्तान रहेगा, क्योंकि धोनी को ऋतुराज गायकवाड़ के चोटिल होने की वजह से ही कप्तानी करनी पड़ी थी.
धोनी जिस मैदान पर भी खेलने जाते हैं, वह मैदान पीली जर्सी से धोनीमय हो जाता है. अहमदाबाद का नरेंद्र मोदी स्टेडियम भी इससे जुदा नहीं रहा.
सीएसके इस सीज़न में फ़ैन्स की उम्मीदों के मुताबिक़ प्रदर्शन नहीं कर सकी है फिर भी धोनी इस मैच में कप्तानी करते हुए एकदम कूल नज़र आए.
वह अपनी आदत के हिसाब से इशारों से फ़ील्डरों को आगे-पीछे करते नजर आए. कई बार स्टंप माइक से उनके चुटीले कमेंट्स भी सुनाई दिए.
चेन्नई के कुछ खिलाड़ियों के चोटिल होने पर उनके विकल्प के तौर पर आए खिलाड़ियों ने दिखा दिया कि अगर उनके ऊपर भरोसा किया गया तो टीम की क़िस्मत बदल सकती है.
आयुष म्हात्रे के आने से लगा कि टीम में नई हवा का झोंका आ गया है. बाद में उर्विल पटेल और डेवाल्ड ब्रेविस के तालमेल ने टीम की शक्ल को ही बदल दिया. टाइटंस पर बड़ी जीत में भी इस तिकड़ी ने अहम भूमिका निभाई.
चेन्नई को कभी भी विस्फोटक अंदाज़ से खेलने वाली टीम नहीं माना जाता है. लेकिन अब यह टीम आधुनिक अंदाज़ में खेल रही है.
डेवाल्ड ब्रेविस साबित हो सकते हैं तुरुप के इक्केडेवाल्ड ब्रेविस को 'बेबी एबी' यानी 'बेबी डिविलियर्स' कहा जाता है. लेकिन कमेंटेटर नवजोत सिंह सिद्धू कहते हैं कि वह जिस धाकड़ अंदाज से इस मैच में खेले हैं, उनके नाम के आगे बेबी लगाने की ज़रूरत नहीं रह गई है और वह अब ब्रेविस ही काफ़ी हैं.
ब्रेविस ने 23 गेंदों में चार चौकों और पांच छक्कों की मदद से 57 रन की पारी खेलकर टीम के स्कोर को 200 पार पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई.
ब्रेविस को इस शानदार प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ़ द मैच चुना गया. कुछ मैचों में ही वो यह जताने में सफल हो गए हैं कि आने वाला कल उनका है.

रविवार को दूसरा मैच हैदराबाद सनराइजर्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच हुआ.
राजधानी दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में हुए इस मैच में हेनरिच क्लासेन की तूफ़ानी पारी देखने को मिली. उन्होंने मात्र 37 गेंदों में शतक जमाकर केकेआर के अच्छे प्रदर्शन के साथ अभियान ख़त्म करने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. हैदाराबाद ने कोलकाता को 110 रनों की शिकस्त दी.
इस जीत से सनराइजर्स हैदराबाद की टीम अंक तालिका में छठे स्थान पर रहकर प्लेऑफ़ में जगह नहीं बना पाने की निराशा को किसी हद तक कम कर सकी है.
हेनरिच क्लासेन ने 37 गेंदों में शतक पूरा करने के दौरान सात चौके और नौ छक्के जड़े. वह आईपीएल इतिहास का तीसरा सबसे तेज़ शतक जमाने में सफल रहे हैं.
इससे पहले क्रिस गेल 30 गेंदों में और वैभव सूर्यवंशी 35 गेंदों में शतक जमा चुके हैं. यूसुफ़ पठान ने क्लासेन के बराबर ही 37 गेंदों में शतक जमाया था.
ट्रेविस हेड और अभिषेक शर्मा की ओपनिंग जोड़ी को विस्फोटक अंदाज़ से खेलने वाला माना जाता है.
केकेआर के ख़िलाफ़ मैच में अभिषेक तो थोड़े संयमित दिखे पर हेड ने आते ही आक्रामक अंदाज़ में शॉट खेले. ऐसा लग रहा था कि वह किसी गेंदबाज को बख़्शने के मूड में नहीं हैं.
हेड ने मात्र 26 गेंदों में अर्धशतक पूरा करने के बाद 39 गेंदों में 76 रन की पारी खेलकर बड़ा स्कोर खड़ा करने का आधार दिया.
उन्होंने इस पारी में पांच चौके और सात छक्के जड़े. हेड की इस पारी को देखकर लग रहा था कि दिन उनके नाम रहने वाला है. लेकिन क्लासेन ने आकर ऐसा प्रदर्शन किया कि वह महफिल लूटने में सफल हो गए.
सनराइजर्स ने बनाया तीसरा सबसे बड़ा स्कोरहेड और क्लासेन जिस समय बल्लेबाजी कर रहे थे, तब लग रहा था कि आईपीएल इतिहास में पहली बार 300 का आंकड़ा पार हो सकता है.
लेकिन हेड के जाने के बाद रनों की रफ़्तार को बनाए नहीं रखा जा सका और इतिहास में पहली बार 300 रन बनने से रह गए.
फिर भी तीन विकेट पर 278 रनों का तीसरा सबसे बड़ा स्कोर बन गया.
आईपीएल इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर सनराइजर्स हैदराबाद के ही नाम तीन विकेट पर 287 रन है, जो उन्होंने पिछले साल आरसीबी के ख़िलाफ़ बनाया था.
दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्कोर भी उनके ही नाम छह विकेट पर 286 रन है. यह इस साल राजस्थान रॉयल्स के ख़िलाफ़ बना है.
केकेआर को अब नई सोच की ज़रूरतकेकेआर की टीम जिस तरह की बल्लेबाजी के लिए जानी जाती थी, वह इस साल नहीं दिखी.
इस बार क्विंटन डिकॉक और रिंकू सिंह के लय में नहीं होने ने भी टीम को नुक़सान हुआ.
केकेआर ने अजिंक्य रहाणे को कप्तान बनाया लेकिन यह फ़ैसला असरदार साबित नहीं हुआ.
शायद टीम को नई सोच देने के लिए किसी युवा के हाथों में कमान सौंपने की ज़रूरत है.
आईपीएल में टीमें हर साल कुछ नए सबक सीखती हैं और केकेआर भी सीख लेकर अगले साल नए सुधारों के साथ उतरेगी.
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