पूर्व भारतीय क्रिकेटर और प्रसिद्ध कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने भारतीय टीम मैनेजमेंट को एक मजबूत सलाह जारी करते हुए, उनसे अपने प्रयोगात्मक दौर को समाप्त करने और आने वाले टी20 विश्व कप के लिए एक स्थिर तथा नियंत्रित टीम बनाने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया है। चोपड़ा का मानना है कि टूर्नामेंट के नजदीक आने के साथ, नए खिलाड़ियों तथा कॉम्बिनेशंस को आजमाने का समय अब समाप्त हो गया है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हालिया टी20आई श्रृंखला के दौरान, भारत ने अपनी प्लेइंग इलेवन के साथ प्रयोग करना जारी रखा। इसके प्रमुख उदाहरणों में महत्वपूर्ण नंबर तीन की स्थिति पर संजू सैमसन और शिवम दुबे को आजमाना, और तेज गेंदबाज हर्षित राणा को अधिक स्थापित अर्शदीप सिंह से पहले मौका देना शामिल था।
हालांकि, कप्तान सूर्यकुमार यादव सहित टीम प्रबंधन ने खुले तौर पर यह स्वीकार किया है कि वे अपनी बेंच स्ट्रेंथ का परीक्षण करने के लिए एक प्रयोगात्मक चरण में हैं, परंतु आकाश चोपड़ा ने चेतावनी दी है कि टीम में इतने बदलाव करना अब उचित नहीं है।
उन्होंने बताया कि घरेलू विश्व कप शुरू होने से पहले, भारत के पास तैयारी के लिए अब केवल दो टी20आई सीरीज ही बाकी हैं। इसलिए अब टीम को अपनी प्राथमिकता तथा अपना रवैया बदलना होगा और खिलाड़ियों को लगातार टीम में बिना ज़्यादा बदलाव किए निरंतर रूप से मौके देते रहने होंगे।
आकाश चोपड़ा ने दिया बड़ा बयान48 वर्षीय आकाश चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से इस बात पर जोर दिया है कि घरेलू विश्व कप का दबाव बहुत अधिक होता है और टीम के लिए एक सुसंगत और स्थिर टीम के साथ खेलना महत्वपूर्ण है जो उनके अपेक्षित विश्व कप की टीम के सबसे करीब हो। उनका तर्क है कि लगातार बदलाव टीम की केमिस्ट्री को बाधित कर सकते हैं और खिलाड़ियों को उनकी निर्धारित भूमिकाओं में ढलने से रोक सकते हैं।
चोपड़ा के अनुसार, प्रयोगात्मक चरण को जल्द से जल्द समाप्त किया जाना चाहिए तथा अब सबसे अच्छी टीम चुनकर उन्हें एक साथ ज्यादा मैच खिलाने चाहिए, ताकि बड़े टूर्नामेंट से पहले आपस में अच्छा तालमेल बन जाए। उनका मानना है कि अब टीम को अपने सर्वश्रेष्ठ 11 खिलाड़ियों को चुनकर उन्हें एक साथ खेलने का मौका देना चाहिए।
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