भारत के सबसे बड़े निजी एयरपोर्ट ऑपरेटर अडानी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) ने मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (MIAL) के लिए 1 बिलियन डॉलर जुटाए हैं. यह रकम एक नया और खास फाइनेंशियल स्ट्रक्चर तैयार करके जुटाई गई है. इसमें 750 मिलियन डॉलर की राशि ऐसे नोट्स के रूप में जुटाई गई है, जो 2029 तक चुकता किए जाएंगे. यानी 2029 तक ये पैसे लौटाए जाएंगे. इनका मुख्य उद्देश्य रिफाइनेंसिंग करना है. इसके अलावा 250 मिलियन डॉलर और जुटाने का भी ऑप्शन है, जिससे कुल रकम 1 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है.
इस कदम से MIAL को अपनी ग्रोथ और कैपेसिटी बढ़ाने के लिए जरूरी पैसे मिलेंगे, जिससे एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण और विस्तार में मदद मिलेगी. खास बात ये है कि ये भारत के एयरपोर्ट सेक्टर में पहला निवेश-ग्रेड रेटेड निजी बॉंड इश्यू है. इस सौदे को अपोलो-मैनेज्ड फंड्स ने लीड किया है. इसमें ब्लैकरॉक और स्टैंडर्ड चार्टर्ड जैसे बड़े निवेशकों ने भी निवेश किया. इसका मतलब यह है कि भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में अब ग्लोबल निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है. मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट की स्टेबल एसेट्स और स्ट्रॉन्ग कैश फ्लो के कारण इन नोट्स को BBB-/स्टेबल रेटिंग मिल सकती है.
सुधार और सस्टेनेबिलिटी की ओर कदम
अडानी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स लिमिटेड ने कहा है कि वे एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए लगातार निवेश कर रहे हैं. इसके तहत आधुनिकीकरण, विस्तार, डिजिटलीकरण और नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा. इस डील से MIAL को अपने सस्टेनेबिलिटी के लक्ष्यों को तेजी से पूरा करने में मदद मिलेगी. कंपनी का उद्देश्य 2029 तक नेट-जीरो (कोई भी हानिकारक गैसों का उत्सर्जन न करना) हासिल करना है. यह नया निवेश 750 मिलियन डॉलर की पहले की फाइनेंसिंग के बाद हुआ है, जिसे ग्लोबल बैंकों के एक ग्रुप से लिया गया था. कंपनी का कहना है कि यह डील अडानी की कैपेसिटी को और साबित करता है, जिससे उन्हें ग्लोबल कैपिटल मार्केट से पैसा जुटाने में आसानी होती है और भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में अच्छा निवेश अट्रैक्ट होता है.
AAHL के CEO बोले- हम लगातार ग्रोथ के लिए प्रतिबद्ध
अडानी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स के CEO अरुण बंसल ने कहा- 'यह इश्यू यह दिखाता है कि अडानी एयरपोर्ट्स का काम मजबूत है, मुंबई एयरपोर्ट की स्थिति अच्छी है और हम लगातार ग्रोथ के लिए प्रतिबद्ध हैं. प्रमुख निवेशकों की भागीदारी से हमें ग्लोबल कैपिटल मार्केट में अपनी पहुंच बढ़ाने का मौका मिला है. उन्होंने यह भी कहा- 'हमने जो सबसे बड़ा निजी इन्वेस्टमेंट-ग्रेड प्रोजेक्ट फाइनेंस जुटाया है, वह हमारे डिसिप्लिन एंड लॉन्ग-टर्म वैल्यू क्रिएशन को दिखाता है.'
इस डील में मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए कानूनी सलाह देने वाली कंपनियां एलन & ओवेरी (A&O), शीर्मन & स्टर्लिंग और सिरिल आमरचंद मंगालदास रहीं. वहीं, निवेशकों के लिए मिलबैंक LLP और खैतान & को ने कानूनी सलाह दी.
इस कदम से MIAL को अपनी ग्रोथ और कैपेसिटी बढ़ाने के लिए जरूरी पैसे मिलेंगे, जिससे एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण और विस्तार में मदद मिलेगी. खास बात ये है कि ये भारत के एयरपोर्ट सेक्टर में पहला निवेश-ग्रेड रेटेड निजी बॉंड इश्यू है. इस सौदे को अपोलो-मैनेज्ड फंड्स ने लीड किया है. इसमें ब्लैकरॉक और स्टैंडर्ड चार्टर्ड जैसे बड़े निवेशकों ने भी निवेश किया. इसका मतलब यह है कि भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में अब ग्लोबल निवेशकों का भरोसा बढ़ रहा है. मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट की स्टेबल एसेट्स और स्ट्रॉन्ग कैश फ्लो के कारण इन नोट्स को BBB-/स्टेबल रेटिंग मिल सकती है.
सुधार और सस्टेनेबिलिटी की ओर कदम
अडानी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स लिमिटेड ने कहा है कि वे एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए लगातार निवेश कर रहे हैं. इसके तहत आधुनिकीकरण, विस्तार, डिजिटलीकरण और नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा. इस डील से MIAL को अपने सस्टेनेबिलिटी के लक्ष्यों को तेजी से पूरा करने में मदद मिलेगी. कंपनी का उद्देश्य 2029 तक नेट-जीरो (कोई भी हानिकारक गैसों का उत्सर्जन न करना) हासिल करना है. यह नया निवेश 750 मिलियन डॉलर की पहले की फाइनेंसिंग के बाद हुआ है, जिसे ग्लोबल बैंकों के एक ग्रुप से लिया गया था. कंपनी का कहना है कि यह डील अडानी की कैपेसिटी को और साबित करता है, जिससे उन्हें ग्लोबल कैपिटल मार्केट से पैसा जुटाने में आसानी होती है और भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में अच्छा निवेश अट्रैक्ट होता है.
AAHL के CEO बोले- हम लगातार ग्रोथ के लिए प्रतिबद्ध
अडानी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स के CEO अरुण बंसल ने कहा- 'यह इश्यू यह दिखाता है कि अडानी एयरपोर्ट्स का काम मजबूत है, मुंबई एयरपोर्ट की स्थिति अच्छी है और हम लगातार ग्रोथ के लिए प्रतिबद्ध हैं. प्रमुख निवेशकों की भागीदारी से हमें ग्लोबल कैपिटल मार्केट में अपनी पहुंच बढ़ाने का मौका मिला है. उन्होंने यह भी कहा- 'हमने जो सबसे बड़ा निजी इन्वेस्टमेंट-ग्रेड प्रोजेक्ट फाइनेंस जुटाया है, वह हमारे डिसिप्लिन एंड लॉन्ग-टर्म वैल्यू क्रिएशन को दिखाता है.'
इस डील में मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए कानूनी सलाह देने वाली कंपनियां एलन & ओवेरी (A&O), शीर्मन & स्टर्लिंग और सिरिल आमरचंद मंगालदास रहीं. वहीं, निवेशकों के लिए मिलबैंक LLP और खैतान & को ने कानूनी सलाह दी.
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