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जिद पर अड़ गए अमेरिका और चीन, ट्रंप की 50% टैरिफ़ धमकी का भी नहीं हुआ असर, ट्रेड वॉर की नई जंग

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अमेरिका और चीन के बीच में एक बार फिर व्यापारिक तनाव बढ़ चुका है. अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 34% का पारस्परिक टैरिफ लगाया, जिसकी जवाबी कार्यवाही करते हुए चीन ने भी 34% का टैरिफ लगा दिया. चीन किस कार्यवाही के बाद ट्रंप ने चीन को धमकी दे डाली कि वह यदि जवाबी टैरिफ वापस नहीं लेते हैं तो अमेरिका चीन पर 50% का अतिरिक्त टैरिफ लागू कर देगा. अब चीन ने भी पलटवार किया है. अपने फैसले पर टिका है चीनअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को 8 अप्रैल तक जवाबी टैरिफ को वापस लेने की मोहलत दी है. ट्रंप इस धमकी को चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने गलत, एक तरफ और ब्लैकमेलिंग करार दिया. उनका कहना है कि यदि अमेरिका के द्वारा 50% का अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा तो वे भी जवाबी कार्यवाही करने के लिए तैयार हैं. दुनिया में ट्रेड वॉर की स्थितिडोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को पारस्परिक टैरिफ की घोषणा की थी. जिसमें भारत सहित कई देशों पर भारी टैरिफ लगाया गया. चीन पर पहले से 20% के टैरिफ के बाद नया 34% का अतिरिक्त शुल्क लगाने के बाद कल शुल्क 54% हो गया. अमेरिकी प्रेसिडेंट ने अपने रेसिप्रोकल टैरिफ नीति को अमेरिका के विनिर्माण को पुनर्जनन और वैश्विक व्यापार को संतुलन करने के लिए जरूरी कदम बताया था. हालांकि टैरिफ की घोषणा करने के बाद से दुनिया में ट्रेड वॉर की स्थिति बनी हुई है. ट्रंप की धमकीट्रंप की घोषणा के दो दिन बाद यानी 4 अप्रैल 2025 को चीन के द्वारा अमेरिकी आयतन पर 34% का जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा की गई. 7 अप्रैल को डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को धमकी डिकी वे 8 अप्रैल तक यदि अपने 34% के टैरिफ को वापस नहीं लेते हैं तो 9 अप्रैल को चीन पर 50% का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया जाएगा. इसके साथ ही यह भी कहा गया कि यदि चीन ऐसा नहीं करता है तो चीन के साथ सारी व्यापारिक बातचीत बंद कर दी जाएगी. खुद को ही नुकसान पहुंचा रहा अमेरिकाचीन के वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि वे अमेरिकी टैरिफ का अंत तक विरोध करते रहेंगे. अमेरिका का यह कदम न केवल खुद अमेरिका को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि वैश्विक आर्थिक विकास और आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता को भी खतरे में डालता है. वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन से अमेरिका की शिकायतचीन ने वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाइजेशन में अमेरिका के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. इसके साथ ही चीनी है संकेत भी दिए हैं कि वह अमेरिका के खिलाफ जवाबी कदमों के लिए पहले से तैयार है. दोनों देश अपने-अपने जिद पर अड़े हैं. वैश्विक व्यापार संकट बढ़ता दिखाई दे रहा है.
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