आज हम आपको कोलकाता के टॉलीगंज के रहने वाले एक ऐसे शख्स की कहानी के बारे में बताने वाले हैं, जिसने एक साधारण ट्यूशन टीचर होकर करोड़ों रुपये का कारोबार खड़ा किया. हम बात कर रहे हैं सुब्रत रॉय की. सुब्रत रॉय एक ट्यूशन टीचर थे. अपनी मेहनत से वह इसी क्षेत्र में आगे बढ़े और मूपल एनिमेशन एकेडमी, हाई-टेक एनिमेशन स्टूडियो और ट्यूटोपिया जैसे संस्थान शुरू किए. आइए जानते हैं सुब्रत रॉय की सफलता की कहानी के बारे में.
पैसों की तंगी के चलते शुरू किया ट्यूशन टीचर का कामसुब्रत रॉय का जन्म एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था. उनके पिता एक निजी कंपनी में अकाउंटेंट थे और उनकी मां सिलाई का काम करती थी, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति को थोड़ी मदद मिल सकें. अपनी शुरुआती पढ़ाई सुब्रत ने बांग्ला माध्यम के सरकारी स्कूलों में की. कॉलेज की पढ़ाई के दौरान वित्तीय परेशानियों के कारण सुब्रत ने अपने घर पर बच्चों को ट्यूशन देना शुरू किया.
सुब्रत 8वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के क्षात्र को पढ़ाने लगे. धीरे धीरे सुब्रत के पास ज्यादा बच्चे आने लगे और देखते ही देखते उन्होंने विवेकानंद ट्यूटोरियल होम नाम से कोचिंग सेंटर खोल दिया. साल 1194 के बाद से सुब्रत के पास काफी बच्चे आने लगे और इन बच्चों की संख्या 450 तक पहुंच गई.
मूपल एनिमेशन एकेडमी की स्थापनाआगे चलकर सुब्रत ने एनिमेशन के क्षेत्र में कदम रखा. उन्होंने बजाय टॉलीगंज स्टूडियो में फिल्म उद्योग में कार्यरत ग्राफिक डिजाइनरों से प्रशिक्षण लिया. सुब्रत ने अपने छात्रों को भी एनिमेशन सिखाया और अच्छी कमाई की. साल 1996 में सुब्रत ने एनिमेशन एकेडमी की स्थापना की, जो बाद में मूपल एनिमेशन एकेडमी बन गई. सुब्रत की पत्नी संचयिता भी अपने पति के साथ उनके कारोबार में साथ देने लगी.
हाई-टेक एनिमेशन स्टूडियो की स्थापनासाल 2012 में सुब्रत ने 1500 वर्ग फीट के किराए के फ्लैट से हाई-टेक एनिमेशन स्टूडियो की स्थापना की और अपने दूसरे कारोबार में कदम रखा. कंपनी का बनाया राजनीतिक व्यंग्य एक प्रमुख चैनल पर दिखाया गया, जो सफल रहा. इसके बाद उन्होंने कोलकाता के कई अन्य टेलीविजन नेटवर्कों को पिच करना शुरू किया. सुब्रत ने मुंबई मुख्यालय में डिज्नी, निकलोडियन, कार्टून नेटवर्क और पोगो जैसे प्रमुख नेटवर्कों से संपर्क किया लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली लेकिन बाद में उन्हें काफी कॉन्ट्रैक्ट मिले. साल 2018 में सोनी ने उन्हें सीधे कार्टून सीरीज गुरु और भोले बनाने का काम सौंपा, जिससे हाई-टेक एनिमेशन स्टूडियो को काफी पॉपुलैरिटी मिली.
साल 2021 में सुब्रत ने एजुकेशन ऐप ट्यूटोपिया भी लॉन्च किया. यह ऐप केवल 3000 के शुल्क से बच्चों को ट्यूशन देता है. सुब्रत के तीनों वेंचर के टर्नओवर आज 93 करोड़ रुपये है.
पैसों की तंगी के चलते शुरू किया ट्यूशन टीचर का कामसुब्रत रॉय का जन्म एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था. उनके पिता एक निजी कंपनी में अकाउंटेंट थे और उनकी मां सिलाई का काम करती थी, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति को थोड़ी मदद मिल सकें. अपनी शुरुआती पढ़ाई सुब्रत ने बांग्ला माध्यम के सरकारी स्कूलों में की. कॉलेज की पढ़ाई के दौरान वित्तीय परेशानियों के कारण सुब्रत ने अपने घर पर बच्चों को ट्यूशन देना शुरू किया.
सुब्रत 8वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के क्षात्र को पढ़ाने लगे. धीरे धीरे सुब्रत के पास ज्यादा बच्चे आने लगे और देखते ही देखते उन्होंने विवेकानंद ट्यूटोरियल होम नाम से कोचिंग सेंटर खोल दिया. साल 1194 के बाद से सुब्रत के पास काफी बच्चे आने लगे और इन बच्चों की संख्या 450 तक पहुंच गई.
मूपल एनिमेशन एकेडमी की स्थापनाआगे चलकर सुब्रत ने एनिमेशन के क्षेत्र में कदम रखा. उन्होंने बजाय टॉलीगंज स्टूडियो में फिल्म उद्योग में कार्यरत ग्राफिक डिजाइनरों से प्रशिक्षण लिया. सुब्रत ने अपने छात्रों को भी एनिमेशन सिखाया और अच्छी कमाई की. साल 1996 में सुब्रत ने एनिमेशन एकेडमी की स्थापना की, जो बाद में मूपल एनिमेशन एकेडमी बन गई. सुब्रत की पत्नी संचयिता भी अपने पति के साथ उनके कारोबार में साथ देने लगी.
हाई-टेक एनिमेशन स्टूडियो की स्थापनासाल 2012 में सुब्रत ने 1500 वर्ग फीट के किराए के फ्लैट से हाई-टेक एनिमेशन स्टूडियो की स्थापना की और अपने दूसरे कारोबार में कदम रखा. कंपनी का बनाया राजनीतिक व्यंग्य एक प्रमुख चैनल पर दिखाया गया, जो सफल रहा. इसके बाद उन्होंने कोलकाता के कई अन्य टेलीविजन नेटवर्कों को पिच करना शुरू किया. सुब्रत ने मुंबई मुख्यालय में डिज्नी, निकलोडियन, कार्टून नेटवर्क और पोगो जैसे प्रमुख नेटवर्कों से संपर्क किया लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली लेकिन बाद में उन्हें काफी कॉन्ट्रैक्ट मिले. साल 2018 में सोनी ने उन्हें सीधे कार्टून सीरीज गुरु और भोले बनाने का काम सौंपा, जिससे हाई-टेक एनिमेशन स्टूडियो को काफी पॉपुलैरिटी मिली.
साल 2021 में सुब्रत ने एजुकेशन ऐप ट्यूटोपिया भी लॉन्च किया. यह ऐप केवल 3000 के शुल्क से बच्चों को ट्यूशन देता है. सुब्रत के तीनों वेंचर के टर्नओवर आज 93 करोड़ रुपये है.
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