पाकिस्तान के सपोर्ट के कारण तुर्की और अजरबैजान पर भारतीय लोग नाजार हैं. इसी के चलते एक ऑनलाइन अभियान जोर पकड़ रहा है, जिसमें लोगों से कहा जा रहा है कि वे इन देशों की यात्रा से बचें. इस अभियान का असर अब साफ दिखाई देने लगा है. भारत की सबसे बड़ी ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी MakeMyTrip (MMT) ने बताया कि पिछले एक हफ्ते में तुर्की और अजरबैजान के लिए बुकिंग 60% तक घट गई है.वहीं इन देशों की यात्रा से जुड़ी कैंसलेशन में 250% की भारी बढ़ोतरी हुई है. MMT ने भले ही इन देशों की फ्लाइट बुकिंग पूरी तरह बंद नहीं की है, लेकिन कंपनी ने एक बयान में कहा कि हम अपने देश और सेना के साथ खड़े हैं. तुर्की और अजरबैजान की यात्रा को लेकर चल रही भावनाओं का सम्मान करते हुए, हम सभी से अपील करते हैं कि वे इन देशों की गैर-जरूरी यात्रा से बचें. हमने इन देशों के लिए चल रहे सभी प्रमोशंस और ऑफर्स बंद कर दिए हैं ताकि लोगों को वहां यात्रा करने से रोका जा सके. EaseMyTrip के फाउंडर ने 'मेड इन इंडिया' प्रोडक्ट्स को अपनाने की सलाह दीEaseMyTrip के फाउंडर निशांत पिट्टी ने भी हाल ही में लोगों से अपील की थी कि वे तुर्की और अजरबैजान की यात्रा न करें. इसके अलावा उन्होंने 'मेड इन इंडिया' प्रोडक्ट्स को अपनाने और चीन के प्रोडक्ट से दूरी बनाने की भी सलाह दी थी. निशांत पिट्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में चीन की कंपनियों के प्रोडक्ट्स और वेबसाइट्स को लेकर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि देशहित को हमेशा व्यक्तिगत फायदे या सुविधा से ऊपर रखना चाहिए. EaseMyTrip में तुर्की की 22% बुकिंग कैंसिल हुईंEaseMyTrip के अनुसार, तुर्की के लिए 22% बुकिंग कैंसिल हुई हैं. वहीं, अजरबैजान के लिए 30% से ज्यादा कैंसिलेशन हुए हैं. यह आंकड़े 9 मई को जारी एडवाइजरी के बाद सामने आए, जिसमें कंपनी ने कहा था कि जब तक जरूरी न हो, इन देशों की यात्रा से बचें. हालांकि, कंपनी ने मौजूदा बुकिंग्स को कैंसिल नहीं किया, ताकि यात्रियों को दिक्कत न हो, क्योंकि कई लोग तुर्की को सिर्फ ट्रांजिट यानी रुकने के लिए इस्तेमाल करते हैं. भारत से इन देशों में कितना ट्रैवल होता है?अजरबैजान : 2014 में सिर्फ 4,853 भारतीय पर्यटक गए थे. 2024 में यह संख्या 2.43 लाख हो गई. वहीं, अगले 10 सालों में 11% और बढ़ने की उम्मीद है.तुर्की : 2014 में 1.19 लाख भारतीयों ने तुर्की का दौरा किया था. 2024 में यह संख्या 3.30 लाख तक पहुंच गई. भारत और तुर्की के बीच हर हफ्ते लगभग 13,000 सीटें उपलब्ध हैं, जबकि अज़रबैजान के साथ यह संख्या 3,000 से थोड़ी ज्यादा है. इन दोनों देशों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की आलोचना की थीइन दोनों देशों ने भारत के POK (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में किए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' की आलोचना की और पाकिस्तान का समर्थन किया, इसी के कारण इन देशों का विरोध किया जा रहा है. 11 मई से भारत में तीन हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं - #BoycottTurkey, #BoycottAzerbaijan और #BoycottTurkeyAzerbaijan. सोशल मीडिया पर लाखों लोग इन देशों की यात्रा का बहिष्कार करने की मांग कर रहे हैं. 8 मई को शिवसेना ने भी इन देशों के बहिष्कार की अपील की. पार्टी नेता शाइना एनसी ने कहा कि लोग तुर्किश एयरलाइंस में यात्रा न करें और इंडिगो को भी अपनी पार्टनरशिप खत्म करनी चाहिए. भारत में तुर्की और अज़रबैजान के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है. अब सिर्फ आम लोग नहीं, ट्रैवल कंपनियां और राजनीतिक दल भी इस विरोध में शामिल हो गए हैं. सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे इस अभियान का असर अब जमीन पर दिखने लगा है.
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देशभक्ति का असर, तुर्की-अजरबैजान ट्रिप की बुकिंग में गिरावट; MakeMyTrip पर 250% तक बढ़ा कैंसलेशन
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