एक किसान की फसल बार-बार नष्ट हो रही थी, और वह इस समस्या का समाधान नहीं खोज पा रहा था। अंततः, उसे याद आया कि उसके खेत में एक सांप का बिल है, लेकिन उसने कभी नाग देवता की पूजा नहीं की।
शायद यही कारण था कि उसकी फसलें खराब हो रही थीं। किसान ने नाग देवता से क्षमा मांगी और उनके लिए खेत में एक कटोरी दूध रखने का निर्णय लिया।
सोने का सिक्का और लालच का अंत
किसान ने शाम को खेत में दूध की कटोरी रखी। अगले दिन जब वह कटोरी लेने गया, तो उसे कटोरे के नीचे एक सोने का सिक्का मिला। यह देखकर वह बहुत खुश हुआ। अब वह हर शाम ऐसा ही करने लगा और उसे रोजाना सोने का सिक्का मिलता रहा।
कुछ दिनों बाद, किसान को बाहर जाना था, इसलिए उसने अपने बेटे से कहा कि वह शाम को नाग देवता के लिए दूध रखे और सुबह कटोरी और सिक्का ले आए। बेटे ने सहमति दी।
बेटा खेत में जाकर दूध रख आया, लेकिन सुबह जब वह कटोरी और सिक्का लेने गया, तो उसने सोचा कि सांप बहुत कंजूस है। उसने सोचा कि अगर वह सांप को मार दे, तो उसके बिल से सारे पैसे निकाल लेगा। इस सोच में उसने सांप को डंडे से मारने की कोशिश की, लेकिन सांप बच गया और उसने खुद को बचाने के लिए किसान के बेटे को डंस लिया, जिससे उसकी मृत्यु हो गई।
कथा की सीख
कथा की सीख
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि लालच करना कभी भी सही नहीं होता। किसान के बेटे ने लालच के कारण अपनी जान गंवा दी। यह किसी के साथ भी हो सकता है, इसलिए बुरे काम करने के बारे में सोचने से बचें।
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