Next Story
Newszop

स्त्रियों को लक्ष्मी का रूप क्यों माना जाता है? जानें शुक्रवार की पूजा का महत्व

Send Push
लक्ष्मी माता का महत्व

Laxmi Mata: माता लक्ष्मी को समृद्धि और धन की देवी माना जाता है। यह मान्यता है कि जहां लक्ष्मी का वास होता है, वहां धन और सुख की कोई कमी नहीं होती। हिंदू संस्कृति में महिलाओं को लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। जब किसी परिवार में बेटी का जन्म होता है, तो लोग कहते हैं कि 'बधाई हो, लक्ष्मी आई है', और जब बहू घर में आती है, तो उसे भी लक्ष्मी के रूप में स्वीकार किया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि महिलाओं को लक्ष्मी क्यों कहा जाता है, और दुर्गा या सरस्वती का नाम क्यों नहीं लिया जाता? आइए जानते हैं कि महिलाओं को लक्ष्मी का रूप क्यों माना जाता है और शुक्रवार को उनकी पूजा का महत्व क्या है।


महिलाओं का लक्ष्मी के रूप में महत्व image Laxmi Mata

आपने अक्सर सुना होगा कि माता लक्ष्मी धन की देवी हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वे केवल धन की देवी नहीं हैं? उनके पास अपार शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का भंडार है। शास्त्रों में लक्ष्मी को पूरे ब्रह्मांड की ऊर्जा का स्रोत माना गया है। जब किसी परिवार में बेटी का जन्म होता है, तो यह सकारात्मक ऊर्जा का संकेत होता है। बेटी के आगमन से घर में सुख और शांति आती है, और नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं।


शुक्रवार को लक्ष्मी माता की पूजा का महत्व image Laxmi Mata

हालांकि रोजाना लक्ष्मी माता की पूजा की जाती है, लेकिन विशेष दिन पर पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। शास्त्रों के अनुसार, देवी-देवताओं की पूजा के लिए विशेष दिन निर्धारित हैं। जैसे सोमवार को भगवान शिव की पूजा होती है, उसी तरह शुक्रवार को देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन मां संतोषी, मां दुर्गा और महालक्ष्मी की पूजा का महत्व है। मान्यता है कि शुक्रवार को लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और व्यक्ति को सुख, सौभाग्य और सफलता मिलती है।


शुक्रवार को लक्ष्मी माता की पूजा कैसे करें image Laxmi Mata

  • सुबह उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें या गंगाजल मिलाकर स्नान करें।

  • फिर मां लक्ष्मी को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं।

  • मां लक्ष्मी को लाल चंदन, लाल फूल और श्रृंगार सामग्री अर्पित करें।

  • मंदिर में घी का दीपक जलाएं और व्रत रखने का संकल्प लें।

  • वरलक्ष्मी व्रत कथा और श्री लक्ष्मी सूक्तम का पाठ करें।

  • भगवान श्री हरि विष्णु और लक्ष्मी जी की आरती करें।

  • माता को खीर का भोग अर्पित करें और अंत में क्षमा प्रार्थना करें।


Loving Newspoint? Download the app now