करेले के पौधे में सही उर्वरक का उपयोग करना बेहद फायदेमंद होता है। यह पौधे को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है, जिससे फलों की पैदावार में वृद्धि होती है। आइए जानते हैं कि कौन सा उर्वरक आपके करेले के पौधे के लिए सबसे अच्छा रहेगा।
करेले की बेल को फलदार बनाने के उपाय
बहुत से लोग गार्डनिंग के शौकीन होते हैं और अपने बगीचे में विभिन्न प्रकार के फूल और सब्जियों के पौधे लगाना पसंद करते हैं। हालांकि, कई बार करेले के पौधे में फूल तो आते हैं, लेकिन वे झड़ जाते हैं, जिससे उपज में कमी आती है। आज हम आपको एक ऐसे उर्वरक के बारे में बताएंगे, जो इस समस्या को हल कर सकता है और करेले की उपज को बढ़ा सकता है।
करेले के पौधे के लिए उपयुक्त उर्वरक

करेले के पौधे के लिए हम केले के छिलके, गोबर के उपले की राख और वर्मी कंपोस्ट से बने उर्वरक की सिफारिश करते हैं। केले के छिलके में पोटैशियम, फ़ॉस्फ़ोरस और मैग्नीशियम जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जो पौधे को मजबूती प्रदान करते हैं और फलों की पैदावार को बढ़ाते हैं। गोबर के उपले की राख पौधे को कीटों से बचाती है, जबकि वर्मी कंपोस्ट फूल झड़ने की समस्या को समाप्त करती है। इन तीनों सामग्रियों से बने उर्वरक का उपयोग करना बेहद लाभकारी है।
उर्वरक का सही तरीके से उपयोग
करेले के पौधे में केले के छिलके, गोबर के उपले की राख और वर्मी कंपोस्ट से बने उर्वरक का उपयोग करना बहुत फायदेमंद होता है। इस उर्वरक को बनाने के लिए, केले के छिलकों को छोटे टुकड़ों में काटकर गोबर के उपले की राख के साथ एक लीटर पानी में मिलाएं और कुछ समय के लिए छोड़ दें। फिर इस मिश्रण को करेले के पौधे की जड़ के पास डालें और मिट्टी में वर्मी कंपोस्ट भी मिलाएं। इस प्रक्रिया से पौधे को आवश्यक पोषक तत्व मिलेंगे, जिससे बेल पर अनगिनत करेले लगेंगे।
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