रामायण, हिंदू धर्म की एक प्रमुख और पवित्र कथा है, जिसमें अनेक पात्रों का वर्णन किया गया है। इनमें से एक अद्वितीय पात्र है मेघनाथ, जिसे इंद्रजीत के नाम से भी जाना जाता है। दशहरे के अवसर पर, हम मेघनाथ के जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
मेघनाथ, रावण का बड़ा बेटा, लंका का एक अत्यंत शक्तिशाली राक्षस था। उसे हनुमान से भी अधिक बलशाली माना जाता है। अगस्त्य मुनि ने भगवान राम को बताया था कि मेघनाथ लंका का सबसे शक्तिशाली योद्धा है। उसने अपने जादुई अस्त्रों से राम की सेना को हिला कर रख दिया था।
भगवान राम और हनुमान सभी मेघनाथ को पराजित करने में असफल रहे। मेघनाथ को ब्रह्मा से एक वरदान प्राप्त था, जिसके अनुसार उसे केवल वही योद्धा मार सकता है जो 14 वर्षों तक सोया न हो। लक्ष्मण ने अपने वनवास के दौरान 14 साल तक जागते रहकर अंततः मेघनाथ का वध किया।
मेघनाथ का जन्म और शक्ति
मेघनाथ, लंकापति रावण का सबसे बड़ा पुत्र था, जिसे रावण की पहली पत्नी मंदोदरी ने जन्म दिया था। कहा जाता है कि जब मेघनाथ का जन्म हुआ, तो उसकी रोने की आवाज बादलों की गरज के समान थी, इसलिए उसका नाम मेघनाथ रखा गया।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, मेघनाथ ने स्वर्ग पर अपना अधिकार स्थापित करने के लिए देवताओं पर आक्रमण किया। जब इंद्र ने लंका पर आक्रमण करने का प्रयास किया, तो मेघनाथ ने अपने पिता की रक्षा के लिए आगे बढ़कर इंद्र और उसके वाहन ऐरावत पर हमला किया। इस विजय के बाद, उसे इंद्रजीत के नाम से जाना जाने लगा।
You may also like
आपातकाल लोकतंत्र पर एक क्रूर हमला, मौलिक अधिकारों का किया गया दमन: कविंदर गुप्ता
केंद्र सरकार 'गाजा' के लिए शांति की अपील क्यों नहीं करती : इम्तियाज जलील
लोकतंत्र पर धब्बा था आपातकालः मुख्यमंत्री डॉ. यादव
सदानीरा समागमः नदी व जल संरचनाओं का संरक्षण जनजागरण और सहयोग से ही संभव
मध्य प्रदेश में केश शिल्पी समाज के विकास के लिए होंगे हर संभव प्रयासः आयुक्त