आजकल की तेज़ रफ्तार जिंदगी में हम अपने लिए समय निकालना भूल गए हैं। इस बदलते जीवनशैली का सबसे बुरा असर हमारी सेहत पर पड़ रहा है। लोग अपने काम में इतने व्यस्त हैं कि सही खान-पान का ध्यान नहीं रख पाते, जिससे बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं। इनमें से एक प्रमुख समस्या है एसिडिटी। वास्तव में, एसिडिटी कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह हमारी जीवनशैली में बदलाव का परिणाम है।
एसिडिटी के लक्षण और कारण
एसिडिटी के लक्षणों में खट्टी डकारें, पेट में गैस, और सीने में जलन शामिल हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, विशेषकर उन लोगों में जो तले-भुने खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं। इसके अलावा, खाली पेट रहना, धूम्रपान, और चाय-कॉफी का अधिक सेवन भी इसके प्रमुख कारण हैं।
प्राकृतिक उपचार
तुलसी के पत्ते: तुलसी को आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है। इसकी पत्तियों में जलन और गैस से राहत देने वाले गुण होते हैं। यदि आपको पेट में परेशानी हो, तो तुलसी की कुछ पत्तियाँ चबाएं या एक कप पानी में उबालकर पी लें।
लौंग का सेवन: लौंग एक सामान्य मसाला है, जो पेट की गैस और जलन को कम करने में मदद करता है। इसे अपने भोजन में शामिल करें या सीधे चबाएं।
दालचीनी का सेवन: दालचीनी एक प्राकृतिक अम्लता नाशक है। इसे पानी में मिलाकर चाय बनाकर दिन में दो-तीन बार पीने से एसिडिटी में राहत मिलती है।
जीरे का सेवन: जीरा पेट में एसिड को न्यूट्रलाइज़ करने में मदद करता है। इसे अपने भोजन में शामिल करें या सीधे सेवन करें।
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