बॉलीवुड सिंगर: ए.आर. रहमान, जो कि भारतीय संगीत के एक प्रमुख नाम हैं, हाल ही में अपने 29 साल पुराने विवाह को समाप्त करने के कारण चर्चा में हैं। आज, जब वह अपना 58वां जन्मदिन मना रहे हैं, हम आपको उनके जीवन से जुड़ी एक दिलचस्प कहानी सुनाते हैं। यह कहानी उस समय की है जब आर्थिक तंगी के चलते उन्हें अपने म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बेचने पड़े थे।
संगीत की विरासत विरासत में मिली संगीत की शिक्षा
ए.आर. रहमान का जन्म 6 जनवरी 1967 को मद्रास (अब चेन्नई) में हुआ। उन्हें संगीत की शिक्षा अपने पिता, राजगोपाल कुलशेखर से मिली, जिसने उनके करियर को आकार दिया। रहमान को संगीत का सरताज कहा जाता है और उन्होंने अपने अद्वितीय कौशल से संगीत की दुनिया में एक नया इतिहास रचा है।
आर्थिक तंगी का सामना ए.आर. रहमान ने बेच दिए थे अपने इंस्ट्रूमेंट

रहमान को एक प्रसिद्ध संगीतकार और गायक के रूप में जाना जाता है। लेकिन जब उनके जीवन में कठिनाइयाँ आईं, तो उन्हें अपने प्रिय म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बेचने पड़े। रिपोर्ट्स के अनुसार, जब वह केवल 9 साल के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया, जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई।
पिता के निधन के बाद, रहमान गहरे सदमे में चले गए और परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई कि उन्हें अपने म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बेचने का निर्णय लेना पड़ा।
सफलता की ओर बढ़ते कदम ऑस्कर विनर बनकर उभरे ए.आर.रहमान
हालांकि, ए.आर. रहमान ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने कठिन परिश्रम किया और अंततः एक सफल संगीतकार और गायक बन गए। उन्होंने 2009 में फिल्म 'स्लमडॉग मिलेनियर' के लिए ऑस्कर पुरस्कार जीता, जो उनके करियर की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। इसके अलावा, उन्हें ग्रैमी अवार्ड और पद्मश्री जैसे कई अन्य पुरस्कार भी मिले हैं।
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