सर्वश्रेष्ठ वीपीएफ योजना: यह एक प्रकार की बचत योजना है। यदि आप नौकरी में हैं, तो आपका पीएफ कटता होगा। पीएफ खाता आपके लिए एक उत्कृष्ट बचत विकल्प हो सकता है, क्योंकि इसके लिए आपको अलग से खाता खोलने की आवश्यकता नहीं होती। वीपीएफ में हर व्यक्ति निवेश कर सकता है। जो लोग पीएफ खाता रखते हैं, वे वीपीएफ में अपने पैसे को पीएफ से अधिक निवेश कर सकते हैं।
ईपीएफ में आप अपनी बेसिक सैलरी का 12 प्रतिशत और महंगाई भत्ते का निवेश कर सकते हैं। वहीं, वीपीएफ में आप अपनी बेसिक सैलरी का 100 प्रतिशत और पूरा महंगाई भत्ता निवेश कर सकते हैं। यह बात ध्यान देने योग्य है कि यह नेशनल पेंशन सिस्टम से बेहतर है। नेशनल पेंशन सिस्टम में आप केवल 10 प्रतिशत बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का निवेश कर सकते हैं।
वीपीएफ की विशेषताएँ वीपीएफ योजना की विशेषताएँ
पीएफ में, जब तक आप नौकरी नहीं छोड़ते, आप अपनी पूरी राशि नहीं निकाल सकते। इसके विपरीत, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में भी रिटायरमेंट तक निवेश करना होता है, लेकिन आप कुछ वर्षों के बाद थोड़ा सा पैसा निकाल सकते हैं। वीपीएफ में, लॉक-इन अवधि केवल 5 साल की होती है। इसके बाद, आप अपनी पूरी राशि निकाल सकते हैं।
टैक्स लाभ टैक्स लाभ
टैक्स कटौती के मामले में, पीएफ और वीपीएफ दोनों समान हैं। इनमें से 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट प्राप्त की जा सकती है। वीपीएफ में भी आप 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। इसमें निवेश किए गए पैसे पर आयकर की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है।
PPF बनाम VPF: कई मामलों में, वीपीएफ पीपीएफ से अधिक लाभकारी हो सकता है। पीपीएफ में निवेश पर 7.1 प्रतिशत का रिटर्न मिलता है, जबकि वीपीएफ में 8.15 प्रतिशत की दर से रिटर्न मिलता है। वीपीएफ में लॉक-इन अवधि केवल 5 साल की होती है, जबकि पीपीएफ में यह 15 साल के लिए होती है।
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