भारत में कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। हर साल लगभग बीस लाख लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा देते हैं, और नए मामलों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। चिकित्सक इस स्थिति से निपटने में असमर्थ नजर आ रहे हैं। एक महत्वपूर्ण बात यह है कि कैंसर के मरीजों की मृत्यु कैंसर से नहीं, बल्कि उनके उपचार के कारण होती है।
उपचार की चुनौतियाँ
कैंसर के उपचार में कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और कोबाल्ट-थेरेपी जैसी विधियों का उपयोग किया जाता है। लेकिन इन उपचारों से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है। चिकित्सक कैंसर कोशिकाओं को मारने का दावा करते हैं, लेकिन इसके साथ ही स्वस्थ कोशिकाएं भी नष्ट हो जाती हैं।
परिवार और रिश्तेदारों का दबाव
कैंसर के मरीजों के परिवारों पर अक्सर रिश्तेदारों का दबाव होता है कि वे उन्हें महंगे अस्पतालों में ले जाएं। यह दबाव कभी-कभी परिवार के लिए आर्थिक बोझ बन जाता है। कई बार, रिश्तेदार बिना सही जानकारी के सुझाव देते हैं, जिससे मरीज और परिवार दोनों को नुकसान होता है।
हल्दी और गौ मूत्र का महत्व
हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व होता है, जो कैंसर को रोकने में सहायक माना जाता है। यदि किसी को कैंसर का डर है या प्रारंभिक लक्षण हैं, तो उन्हें अपने आहार में हल्दी को शामिल करना चाहिए। राजीव दीक्षित ने कई मरीजों को घरेलू उपचार से ठीक किया है, जिसमें भारतीय गौ मूत्र, हल्दी और पुनर्नवा शामिल हैं।
कैसे बनाएं घरेलू उपचार
आपको आस-पास की गौशाला से गौ मूत्र प्राप्त करना होगा। एक गिलास गौ मूत्र में एक चम्मच हल्दी मिलाकर इसे धीमी आंच पर 10 मिनट तक उबालें। ठंडा होने पर इसे कांच की बोतल में भरकर रखें। इसे सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले लें। नियमित चेक-अप से आप देखेंगे कि आपकी स्थिति में सुधार हो रहा है।
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