केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज देश का आम बजट 2025 पेश कर रही हैं, जो उनका आठवां बजट है। इस बजट पर आम जनता से लेकर कॉर्पोरेट क्षेत्र तक की नजरें टिकी हुई हैं।
इस बार महंगाई और करों के मोर्चे पर सरकार से कई राहतों की उम्मीद की जा रही है। बजट पेश करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह बजट आम आदमी और गरीब किसानों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। वित्त मंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि यह बजट विशेष रूप से गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं पर केंद्रित है। उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा को 5 लाख रुपये तक बढ़ाने की घोषणा की।
भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रगति
वित्त मंत्री ने बजट भाषण में बताया कि यह बजट किन-किन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ रही है और पिछले 10 वर्षों में हमने कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में तेज गति पकड़ी है। यह बजट गरीबों, युवाओं, किसानों, महिलाओं, स्वास्थ्य, विनिर्माण, मेक इन इंडिया, रोजगार और नवाचार को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। सरकार का लक्ष्य 'विकसित भारत' बनाना है और हम आर्थिक विकास की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
किसानों के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं
बजट की शुरुआत में वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री धनधान्य योजना की घोषणा की। इसके साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का ऐलान किया गया। हाल ही में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में भी इस संबंध में जानकारी दी गई थी, जिसमें बताया गया कि देश में किसान क्रेडिट कार्ड धारकों की संख्या 7.75 करोड़ है।
किसान क्रेडिट कार्ड की जानकारी
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) किसानों को सस्ते ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है। यह योजना 1998 में भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक और नाबार्ड द्वारा शुरू की गई थी। खेती के अलावा, मछली पालन और पशुपालन करने वाले लोग भी इस कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। अब तक इसकी सीमा 3 लाख रुपये थी, लेकिन अब सरकार ने 5 लाख रुपये की नई सीमा वाले कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड जारी करने का ऐलान किया है।
धन धान्य योजना का लाभ
वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाने के साथ ही प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत कम उत्पादन, आधुनिक फसल गहनता और औसत से कम ऋण मानकों वाले 100 जिलों को शामिल किया जाएगा, जिससे 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा।
इसके अतिरिक्त, खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए छह वर्षीय मिशन की घोषणा की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि फलों और सब्जियों के लिए व्यापक कार्यक्रम चलाया जाएगा।
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