तेज गति से भागती जिंदगी ने हमारी जीवनशैली को काफी प्रभावित किया है। गलत खान-पान के कारण, आजकल हम कम उम्र में ही स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
स्वास्थ्य समस्याएं
डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, अस्थमा और हृदय से जुड़ी समस्याएं अब आम हो गई हैं। आज हम नसों में होने वाली ब्लॉकेज के बारे में चर्चा करेंगे।
नसों की ब्लॉकेज का आंकड़ा
उत्तरी भारत में लगभग 40 प्रतिशत लोगों की धमनियां कमजोर हैं। गर्भावस्था के बाद 20 प्रतिशत महिलाओं को भी यह समस्या होती है।
समस्या की पहचान
इसकी पहचान समय पर नहीं हो पाती, जिससे वैरिकोज वेंस (varicose veins) जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। पैरों में सूजन और नसों के गुच्छे बनने लगते हैं।
आहार का प्रभाव
नसों की कमजोरी और ब्लॉकेज का मुख्य कारण हमारी डाइट में पोषक तत्वों की कमी है। संतुलित आहार के बजाय तले-भुने और फास्ट फूड का सेवन रक्त में अपशिष्ट पदार्थों की मात्रा बढ़ा देता है, जिससे रक्त संचार में बाधा आती है।
ब्लॉकेज के इलाज
हार्ट और अन्य अंगों में ब्लॉकेज को खोलने के लिए सर्जरी और दवाओं का सहारा लिया जाता है, जो महंगा इलाज होता है।
किसे होती है ब्लॉकेज
वेन ब्लॉकेज तब होती है जब रक्त दिल तक नहीं पहुंचता, जिससे गांठें बनती हैं। यह समस्या उन लोगों में अधिक होती है जो लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठकर काम करते हैं।
धमनियों की सफाई के लिए आहार
मेडिटेरेनियन डाइट जिसमें कम कोलेस्ट्रॉल और अधिक फाइबर हो, फायदेमंद होती है। शुगर और नमक का सेवन कम करें और मक्खन की जगह जैतून का तेल इस्तेमाल करें।
सहायक खाद्य पदार्थ
चने, अनार, ओट्स, एवोकाडो, लहसुन, और हरी सब्जियों का सेवन करें। खाना खाने के बाद गुनगुना पानी पीने से नसों में ब्लॉकेज का खतरा कम होता है।
ब्लॉकेज से बचने के उपाय
लहसुन: लहसुन कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। 3 लहसुन की कलियों को 1 कप दूध में उबालकर पीना फायदेमंद है।
एवोकाडो: इसमें मौजूद मिनरल्स और विटामिन्स कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करते हैं।
ओट्स: नाश्ते में ओट्स का सेवन ब्लॉकेज से बचाता है।
अनार: अनार का जूस एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है और स्वास्थ्य समस्याओं से दूर रखता है।
ड्राई फ्रूट्स: बादाम, अखरोट और पेकन का सेवन रक्त कोशिकाओं में कोलेस्ट्रॉल जमा नहीं होने देता।
आयुर्वेदिक हर्ब्स: लहसुन, शहद, हल्दी, और केसर का मिश्रण ब्लॉकेज से बचाने में मदद करता है।
मोटापे पर नियंत्रण: मोटापा नसों की ब्लॉकेज का कारण बन सकता है, इसलिए फैटी डाइट से बचें।
पर्याप्त नींद: अच्छी नींद हार्मोनल संतुलन बनाए रखती है।
धूम्रपान से बचें: धूम्रपान नसों की ब्लॉकेज का एक प्रमुख कारण है।
व्यायाम: रोजाना 30 मिनट योग या हल्का व्यायाम करें।
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