कुछ लोग सुबह जल्दी उठकर अपने दिन की शुरुआत कर लेते हैं, जबकि अन्य के लिए यह एक चुनौती होती है। ऐसे लोग अक्सर अलार्म बजने पर भी सोते रहते हैं। जबकि इसे आलस्य समझा जाता है, इसके पीछे कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इस लेख में हम उन बीमारियों के बारे में चर्चा करेंगे जो सुबह उठने में कठिनाई का कारण बन सकती हैं।
डिप्रेशन: मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में से एक, डिप्रेशन व्यक्ति को सुबह उठने की इच्छा नहीं होने देता। इसे केवल उदासी समझना गलत है, क्योंकि यह एक गंभीर मानसिक स्थिति है जो शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। इस स्थिति में व्यक्ति का सोने का पैटर्न बिगड़ जाता है, थकान महसूस होती है और निराशा का अनुभव होता है।
थायरॉइड (हाइपोथायरॉइडिज्म): थायरॉइड की कमी, विशेषकर हाइपोथायरॉइडिज्म, सुबह उठने में कठिनाई का कारण बन सकती है। इस स्थिति में शरीर में ऊर्जा की कमी होती है, जिससे व्यक्ति सुस्त और आलसी महसूस करता है।
नींद की समस्याएं: नींद से जुड़ी समस्याएं जैसे स्लीप एप्निया या इनसोमनिया भी सुबह उठने में कठिनाई का कारण बनती हैं। इन स्थितियों में व्यक्ति गहरी नींद नहीं ले पाता, जिससे सुबह उठना मुश्किल हो जाता है।
एनीमिया: शरीर में आयरन की कमी होने पर भी सुबह उठने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में खून में हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है, जिससे ऑक्सीजन का संचार प्रभावित होता है। इसके परिणामस्वरूप थकान, चक्कर आना और सांस फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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