Traffic Rule Violations UP: उत्तर प्रदेश सरकार ट्रैफिक रूल्स और कानून को लेकर ज्यादा सख्त हो गई है। योगी सरकार ने लापरवाही से गाड़ी चलाने वाले लोगों से निपटने के लिए सख्त कानून लागू किए हैं।
हालांकि इसके बावजूद भी कुछ लोग लगातार नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। इस समस्या से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में एक मीटिंग की गई, जिसमें कुछ अहम फैसले लिए गए। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि सीएम ने अधिकारियों से उन वाहनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है, जिन पर ट्रैफिक रूल्स के उल्लंघन के कारण बार-बार जुर्माना लगाया गया है। आइए इसके बारे में जानते हैं।
रद्द हो सकता है लाइसेंस या परमिट
सीएम योगी ने इन ड्राइवर और इनके सभी जुर्माने की डिटेल को उनके FASTag अकाउंट से जोड़ने का सुझाव दिया है। इस मीटिंग में ओवरलोडिंग उल्लंघन के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि जो लोग बार-बार नियमों का उल्लंघन करते हैं, उनके लाइसेंस या परमिट को रद्द किया जा सकता है। बता दें कि ये कार्रवाई FASTag से जुड़ी होगी। सीएम के इस फैसले के बाद जिनके वाहनों पर बार-बार जुर्माना लगाया गया है, उनकी जांच बढ़ सकती है।
होर्डिंग लगाने का निर्देश
सीएम योगी ने मीटिंग के दौरान सूचना, परिवहन और सड़क सुरक्षा विभागों को ऐसी होर्डिंग लगाने का भी निर्देश दिया, जो लोगों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करे। बता दें कि ये होर्डिंग्स सभी 75 जिलों, 350 तहसीलों, 1500 पुलिस स्टेशनों और सभी मुंसिपल बॉडीज में लगाए जाएंगे। इसके अलावा अधिकारी को सभी 75 जिलों में सड़क सुरक्षा माह का आयोजन करने का निर्देश दिया गया है।
अमृतपाल सिंह ने 5 जुलाई को ली थी सांसद पद की शपथ
अमृतपाल सिंह को आखिरी बार 5 जुलाई 2024 को लोकसभा सांसद के रूप में शपथ लेने के लिए डिब्रूगढ़ से दिल्ली लाया गया था। 36 दिनों की तलाशी के बाद पंजाब पुलिस ने उन्हें 23 अप्रैल 2023 को एनएसए के तहत गिरफ्तार किया था। उनके साथ 9 साथी भी पकड़े गए थे। एनएसए के तहत देश के लिए खतरा माने जाने वाले किसी भी व्यक्ति को बिना किसी आरोप के एक साल तक हिरासत में रखा जा सकता है।
…वे भी मर्यादा भूल जाएंगे : आशीष पटेल
मंत्री आशीष पटेल ने सूचना विभाग के डायरेक्टर का नाम लेकर कहा कि खबरें छपवाना बंद कर दीजिए। अगर मर्यादा पार करेंगे तो वो भी मर्यादा भूल जाएंगे। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। । एसटीएफ का वह कौन अधिकारी है, जहां सिर्फ विधायक ही जा सकते हैं। वहां दो आदमी को और धरने के लिए भेजा जा रहा है।
पत्र में यह भी लिखा गया है कि हमने पुलिस को कॉल किया और दो पीआरवी गाड़ियां मौके पर आ गईं लेकिन हमला करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाही नहीं की, बल्कि हमें ही डांट फटकार लगा कर चले गए। लोगों से परेशान होकर मेरा परिवार और सभी बच्चे हिंदू धर्म अपनाने को मजबूर है। हम अपने मकान में बनी दुकान में श्री राम का मंदिर बनाने की घोषणा करते हैं। यह कदम हमने खूब सोच समझकर अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए उठाया है।
वहीं पड़ोसियों का कहना है कि मोहम्मद बदर बस्ती में किसी से बना कर नहीं रखता था। किसी की मैयत तक में नहीं जाता था. 14 – 15 सालों से यह लोग यहां रह रहे थे। लड़के की शादी हो गई थी। मारपीट कर बहू को घर से निकाल दिया था।
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