Pahalgam Attack: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले जिसमें 26 लोगों की जान गई. जिसने पूरे देश को झकझोर दिया. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कश्मीर दौरे के दौरान इस हमले की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान को ऐसा जवाब देने की मांग की. जिससे वह 100 बार सोचे. ओवैसी ने कहा पहलगाम के गुनहगार इंसान कहलाने लायक नहीं हैं. भारत को ऐसी कार्रवाई करनी चाहिए. जिससे कोई दोबारा ऐसा करने की हिम्मत न करे.
ओवैसी ने पाकिस्तानी सेना को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह दोनों देशों के रिश्तों को सुधारने की बजाय माहौल खराब करने में लगी है. उन्होंने कहा पाकिस्तानी आर्मी नहीं चाहती कि भारत-पाकिस्तान के रिश्ते बेहतर हों. माहौल खराब करना उनकी आदत है. ओवैसी ने पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में दोबारा डालने की मांग की ताकि आतंकवाद को बढ़ावा देने की उसकी नीतियों पर लगाम लगे. पाकिस्तान को सुधारने का वक्त आ गया है. अब सारी हदें पार हो चुकी हैं.
घर में घुसकर बैठ जाओओवैसी ने भारत सरकार से निर्णायक कार्रवाई की मांग करते हुए तुर्की-सीरिया मॉडल का हवाला दिया. उन्होंने कहा इस बार सिर्फ हमला नहीं, बल्कि वहां जाकर बैठ जाओ. जैसे तुर्की ने सीरिया में नॉन-स्टेट एक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई की. भारत को भी पाकिस्तान के आतंकियों पर ऐसा ही प्रहार करना चाहिए. ओवैसी ने संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून भारत को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार देता है. पाकिस्तान में इस्लाम के नाम पर लोगों को भड़काने की इजाजत नहीं दी जा सकती.
सिंधु जल संधि और पाकिस्तान की दोहरी चालपाकिस्तान द्वारा सिंधु जल संधि के निलंबन को युद्ध की कार्रवाई करार देने पर ओवैसी ने तीखा पलटवार किया. उन्होंने कहा अगर सिंधु जल संधि तोड़ना युद्ध है तो पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की हत्या क्या थी? ओवैसी ने भारत के इस कदम का समर्थन करते हुए कहा कि यह पाकिस्तान को उसकी हरकतों का जवाब देने का सही तरीका है. पाकिस्तान को जवाब देना जरूरी है और यह वक्त आ चुका है.
हिमांशी नरवाल के ट्रोलर्स को फटकारपहलगाम हमले में शहीद हुए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल को सोशल मीडिया पर ट्रोल करने वालों पर भी ओवैसी ने निशाना साधा. उन्होंने कहा हिमांशी के खिलाफ बोलने वालों को शर्म करनी चाहिए. यह समय एकजुटता का है न कि नफरत फैलाने का. ओवैसी ने देशवासियों से एकता बनाए रखने की अपील की और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में किसी भी तरह का भेदभाव कमजोरी का प्रतीक है.
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