ठाणे। महाराष्ट्र में एक विशेष अदालत ने 38 वर्षीय एक व्यक्ति को अपनी किशोरी बेटी से बलात्कार के आरोप (Accusation) से बरी कर दिया.
आरोपों को साबित करने में विफल बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण कानून संबंधी विशेष अदालत के न्यायाधीश वी. वी. वीरकर ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में विफल रहा है. अदालत ने यह फैसला 17 जनवरी को दिया और आदेश की विस्तृत प्रति शनिवार को उपलब्ध कराई गई.
पिता पर बेटी के साथ बलात्कार करने का आरोप पिता पर मई 2018 में अपनी बेटी के साथ 10 बार बलात्कार करने का आरोप लगाया गया था और लड़की द्वारा अपनी आपबीती मां को सुनाए जाने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था. आपको बता दें कि झगड़े के कारण पति-पत्नी अलग रह रहे थे.
अदालत का बयान अदालत ने कहा कि तनावपूर्ण संबंध और दोनों पक्षों के बीच विवाद अपराध का मकसद हो सकता है. वहीं यह आरोपी को फंसाने का भी मकसद हो सकता है.
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