अमृतसर, 22 जून . पंजाब में अमृतसर ग्रामीण पुलिस ने आईएसआई के लिए काम करने वाले दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार ये दोनों पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए मुखबिरी कर रहे थे.
पंजाब के पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने रविवार को अपने एक्स हैंडल पर यह बात कही और साथ ही दो आरोपियों की पहचान भी बताई. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी फौजी और साहिल मसीह उर्फ शाली के रूप में हुई है.
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि गुरप्रीत सिंह आईएसआई हैंडलर के सीधे संपर्क में था. गुरप्रीत पर पेन ड्राइव के माध्यम से संवेदनशील और गोपनीय जानकारी साझा करने का संदेह है.
डीजीपी ने अपने पोस्ट में कहा कि मामले में शामिल प्रमुख आईएसआई हैंडलर की पहचान राणा जावेद के रूप में हुई है.
पोस्ट में आगे कहा गया है, “आईएसआई के हैडलर से संपर्क करने के लिए कथित तौर पर इस्तेमाल किए गए दो मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं.”
डीजीपी ने दावा किया कि “व्यापक जासूसी-आतंकवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए जांच चल रही है. पंजाब पुलिस राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ सभी आवश्यक कार्रवाई करेगी.”
इससे पहले एक अभियान में पंजाब पुलिस ने आईएसआई से संबंध रखने वाले एक जासूस और पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी समर्थक गोपाल सिंह चावला को गिरफ्तार किया था.
आरोपी गगनदीप सिंह को 2 जून को तरनतारन में गिरफ्तार किया गया. अधिकारियों के अनुसार, वह सैन्य तैनाती और रणनीतिक स्थानों के विवरण सहित संवेदनशील जानकारी लीक कर रहा था, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हो रहा था.
पुलिस टीमों ने आरोपी के कब्जे से दो मोबाइल बरामद किए, जिसमें संवेदनशील खुफिया जानकारी थी, जिसे उसने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के साथ साझा किया था. साथ ही 20 से अधिक आईएसआई संपर्कों का विवरण भी था.
इससे पहले डीजीपी गौरव यादव ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी मॉड्यूल बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के दो संदिग्धों को पकड़ने का भी दावा किया था. उन्होंने कहा ,” 21 जून को एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस ने ब्रिटेन स्थित हैंडलर धरम सिंह उर्फ धर्मा संधू द्वारा संचालित किए जा रहे बीकेआई को ध्वस्त कर दिया और एक स्थानीय कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया. उसके कब्जे से छह अत्याधुनिक विदेशी पिस्तौल भी बरामद की.
गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान अमृतसर के जलालुसमा गांव निवासी ओंकार सिंह उर्फ नवाब के रूप में हुई है. भारत-पाकिस्तान सीमा पार से ड्रोन के जरिए तस्करी किए गए हथियारों में चार 9एमएम ग्लॉक पिस्तौल और दो 30 बोर पीएक्स 5 पिस्तौल शामिल हैं.
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एकेएस/केआर
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