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'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर जेपीसी की बैठक, पीपी चौधरी बोले- देश के विकास के लिए जरूरी

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New Delhi, 11 अगस्त . देश में एक साथ Lok Sabha और विधानसभा चुनाव कराने को लेकर ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विधेयक की समीक्षा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक हुई. इस बैठक के बाद जेपीसी के चेयरमैन पीपी चौधरी ने प्रतिक्रिया दी.

जेसीपी के चेयरमैन पीपी चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर हुई जेपीसी की बैठक में राजनीतिक विशेषज्ञों को बुलाया गया और उनकी भी इस पर राय ली गई है. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि देश के विकास के लिए ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बहुत जरूरी है.

उन्होंने आगे कहा कि जेपीसी की अगली बैठक 19 अगस्त को होगी, जिसमें Supreme court के पूर्व चीफ जस्टिस संजीव खन्ना शामिल होंगे. वे ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर अपने विचार रखेंगे. उनसे संविधान से जुड़े मुद्दों पर राय ली जाएगी.

प्रस्तावित ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विधेयक की समीक्षा के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया गया है. इस समिति में 31 सदस्य हैं, जिनमें से 21 Lok Sabha से और 10 राज्यसभा से हैं. इसका मुख्य कार्य Lok Sabha और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने की व्यवहार्यता और रूपरेखा की जांच करना होगा.

जेपीसी संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 की समीक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर चुनावों को संरेखित करना है.

समिति में जिन Lok Sabha के 21 सांसदों को शामिल किया गया है, उनमें पीपी चौधरी, डॉ. सीएम रमेश, बांसुरी स्वराज, परषोत्तमभाई रूपाला, अनुराग सिंह ठाकुर, विष्णु दयाल राम, भर्तृहरि महताब, डॉ. संबित पात्रा, अनिल बलूनी, विष्णु दत्त शर्मा, प्रियंका गांधी वाड्रा, मनीष तिवारी, सुखदेव भगत, धर्मेंद्र यादव, कल्याण बनर्जी, टी.एम. सेल्वगणपति, जी.एम. हरीश बालयोगी, सुप्रिया सुले, डॉ. श्रीकांत एकनाथ शिंदे, चंदन चौहान और बालाशोवरी वल्लभनेनी हैं.

डीकेपी/

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