मोहाली, 16 मई . पंजाब एफसी को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) से 2025-26 सत्र के लिए ‘प्रीमियर 1’ क्लब लाइसेंस मिला, जो बिना किसी प्रतिबंध के इसे प्राप्त करने वाला देश का एकमात्र क्लब है.
मूल्यांकन प्रक्रिया के समापन के बाद एआईएफएफ की क्लब लाइसेंसिंग समिति द्वारा यह निर्णय लिया गया. समिति ने 15 क्लबों से आवेदन प्राप्त करने के बाद निर्णयों को अंतिम रूप देने से पहले व्यापक रिपोर्ट और दस्तावेजीकरण की समीक्षा की. पंजाब एफसी 2024-25 सत्र के लिए बिना किसी प्रतिबंध के ‘प्रीमियर 1’ लाइसेंस प्राप्त करने वाला एकमात्र क्लब था.
इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) 2024-25 चैंपियन और लीग शील्ड विजेता मोहन बागान सुपर जायंट एफसी, कोलकाता की दिग्गज ईस्ट बंगाल, एफसी गोवा, बेंगलुरु एफसी, चेन्नईयिन एफसी, जमशेदपुर एफसी और मुंबई सिटी एफसी को बी मानदंड की मामूली गैर-पूर्ति के कारण प्रतिबंधों के साथ लाइसेंस प्राप्त हुआ है.
पंजाब एफसी के तकनीकी निदेशक निकोलस टोपोलियाटिस ने कहा, “पंजाब एफसी में सभी के लिए यह गर्व का क्षण है. यह मान्यता परिचालन उत्कृष्टता, पारदर्शिता और क्लब प्रबंधन में उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है. हमारे युवा विकास ढांचे से लेकर हमारे प्रथम-टीम संचालन तक, हमने हमेशा व्यावसायिकता और अखंडता के लिए मानक स्थापित करने का प्रयास किया है. यह न केवल हमारे प्रयासों को मान्य करता है बल्कि हमें पंजाब एफसी और भारतीय फुटबॉल के मानकों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है.”
पंजाब एफसी ने इंडियन सुपर लीग सीजन में 28 अंकों के साथ दसवां स्थान हासिल किया और कलिंगा सुपर कप के क्वार्टर फाइनल में पहुंच गया. क्लब की युवा टीमों ने इस सत्र में युवा फुटबॉल में अपना दबदबा कायम रखा है, हाल ही में संपन्न एआईएफएफ अंडर-17 एलीट यूथ लीग में जमशेदपुर एफसी को हराकर जीत हासिल की.
उन्होंने मोहन बागान सुपर जायंट को आसानी से हराकर ड्रीम स्पोर्ट्स चैंपियनशिप का भी बचाव किया. सब जूनियर (अंडर-15) टीम वर्तमान में एआईएफएफ सब जूनियर लीग के अंतिम दौर में अपने-अपने समूह का नेतृत्व कर रही है.
इस बीच, आई लीग चैंपियन चर्चिल ब्रदर्स एफसी गोवा, जिसे अगले सत्र के लिए आईएसएल में पदोन्नत किया गया था. हैदराबाद एफसी, केरल ब्लास्टर्स एफसी, ओडिशा एफसी, नॉर्थईस्ट यूनाइटेड एफसी, मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब और इंटर काशी को लाइसेंस नहीं मिला.
एआईएफएफ ने कहा कि जिन क्लबों के आवेदन खारिज कर दिए गए हैं, उन्हें या तो निर्णय के खिलाफ अपील करने का अधिकार है, या लागू लाइसेंसिंग नियमों के अनुसार राष्ट्रीय क्लब प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए छूट का अनुरोध करने का अधिकार है.
भारतीय क्लब लाइसेंसिंग प्रणाली भारत में फुटबॉल क्लबों की गुणवत्ता, व्यावसायिकता और बुनियादी ढांचे को बनाए रखने में महत्वपूर्ण है. यह एक वार्षिक प्रक्रिया है, जिसके तहत क्लब प्रत्येक सत्र के लिए एएफसी और राष्ट्रीय क्लब प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए आवश्यक लाइसेंस प्राप्त करते हैं. इन लाइसेंसों को इंडियन सुपर लीग क्लबों के लिए ‘प्रीमियर 1’ और आई-लीग क्लबों के लिए ‘प्रीमियर 2’ में वर्गीकृत किया गया है.
2025-26 सत्र के लिए एआईएफएफ क्लब लाइसेंसिंग प्रीमियर 1 के परिणाम-
बिना प्रतिबंध के लाइसेंस दिया गया: पंजाब एफसी
प्रतिबंधों के साथ लाइसेंस दिया गया: मुंबई सिटी एफसी, मोहन बागान सुपर जायंट, बेंगलुरु एफसी, जमशेदपुर एफसी, एफसी गोवा, चेन्नईयिन एफसी और ईस्ट बंगाल एफसी.
लाइसेंस अस्वीकृत: हैदराबाद एफसी, केरल ब्लास्टर्स एफसी, ओडिशा एफसी, नॉर्थईस्ट यूनाइटेड एफसी, मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब, चर्चिल ब्रदर्स, एफसी गोवा और इंटर काशी.
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