New Delhi, 6 अक्टूबर . 7 अक्टूबर का दिन इतिहास में खूनी संघर्ष और युद्ध के लिए याद रखा गया है. इस दिन कई युगों में ऐसे घटनाक्रम हुए, जिसने न केवल स्थानीय जनता पर असर डाला बल्कि पूरे भूगोल और राजनीति को नया आकार दे दिया.
सबसे पहले बात 16वीं सदी में हुए एक युद्ध की. 1571 में लेपैंटो की नौसैनिक लड़ाई बड़ा बदलाव लेकर आई. यह लड़ाई यूरोप और ओटोमन साम्राज्य के बीच समुद्री शक्ति के लिए हुई थी. स्पेन और उसके सहयोगियों ने ओटोमन नौसेना को हराया, लेकिन इसमें हजारों सैनिक और नाविक अपनी जान गंवा बैठे. युद्ध के बाद भूमध्यसागर का शक्ति संतुलन पूरी तरह बदल गया और यह यूरोपीय इतिहास में एक निर्णायक मोड़ बन गया.
दसवीं शताब्दी के बाद, 7 अक्टूबर 2001 को आधुनिक इतिहास में भी यह दिन कुछ याद दिला गया. 9/11 हमलों के बाद अमेरिका ने तालिबान के खिलाफ ‘ऑपरेशन एंड्योरिंग फ्रीडम’ शुरू किया. यह दिन अफगानिस्तान में एक बड़े युद्ध की शुरुआत का प्रतीक बना, जिसमें हजारों सैनिकों और नागरिकों की जान गई और मध्य एशिया की राजनीति हमेशा के लिए बदल गई.
और अब हाल की घटना 7 अक्टूबर 2023 — इजरायल पर हमास का घातक हमला. गाजा पट्टी से आए हथियारबंद हमलावरों ने इजरायल के कई क्षेत्रों को निशाना बनाया. इस हमले में 1,200 से अधिक लोग मारे गए और 250 से ज्यादा बंधक बनाए गए. यह हमला इजरायल के इतिहास का सबसे भयानक आतंकवादी हमला माना गया और इसे मध्य पूर्व संघर्ष के इतिहास में एक घातक मोड़ के रूप में दर्ज किया गया.
तो इतिहास के पन्ने पलटें तो पाएंगे कि 7 अक्टूबर ऐसे दिन के रूप में याद रखा जाता है जब राजनीति, धर्म और शक्ति की महत्वाकांक्षा ने हजारों निर्दोषों की जिंदगी लील ली. चाहे वह समुद्री युद्ध हो, आधुनिक सैन्य अभियान हो या आतंकी हमला, इस दिन की घटनाएं हमेशा इतिहास के पन्नों में खून और संघर्ष की कहानी के रूप में अंकित हैं.
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केआर/
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