चेन्नई, 21 अक्टूबर . पिछले कुछ दिनों में हुई बेमौसम और भारी बारिश ने तमिलनाडु के तंजावुर जिले में धान की फसल को बुरी तरह से नुकसान पहुंचाया है, जिससे कटाई के लिए तैयार खेतों का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया है.
भारी बारिश ने तमिलनाडु के प्रमुख चावल उत्पादक क्षेत्रों में से एक तंजावुर जिले के सैकड़ों किसानों को संभावित फसल नुकसान को लेकर चिंतित कर दिया है.
कृषि विभाग के अनुसार, इस वर्ष 1.99 लाख एकड़ में धान की खेती की गई थी, जिसमें से 1.65 लाख एकड़ की कटाई हो चुकी है. हालांकि, ओराथानाडु, तंजावुर और अम्मापेट्टई जैसे इलाकों में खड़ी फसल अभी भी जलभराव की स्थिति में है और अनुमानतः 1,500 एकड़ धान की फसल अब भी जलमग्न है.
बारिश के कारण धान की बड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं तथा पानी जमा होने के कारण किसान खेतों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.
किसानों का कहना है कि अगर पानी जल्दी नहीं निकला तो इस अप्रत्याशित बारिश से फसल को भारी नुकसान हो सकता है. ओराथानाडु के कई किसानों ने कहा, “जो फसल कटाई के लिए तैयार थी, वह अब पानी में डूबी हुई है. अगर हम अभी कटाई भी कर लें तो भी अनाज की गुणवत्ता खराब होगी.”
उन्होंने आगे बताया कि Governmentी खरीद केंद्रों ने समय पर काम शुरू नहीं किया, जिससे कई केंद्रों को कटाई में देरी करनी पड़ी. कृषि विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि पानी जितना ज्यादा देर तक रहेगा, अनाज की गुणवत्ता और मिट्टी की संरचना दोनों को उतना ही ज्यादा नुकसान होगा. खेत अभी भी पानी में डूबे हुए हैं, इसलिए यांत्रिक हार्वेस्टर किराये पर लेने की लागत भी बढ़ गई है.
किसानों का कहना है कि गीली भूमि पर मशीनरी चलाना कठिन है और इससे खर्च काफी बढ़ जाता है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति और खराब हो जाती है.
राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारी फसल क्षति की सीमा का आकलन कर रहे हैं.
किसान संगठनों ने राज्य Government से प्रभावित लोगों के लिए राहत उपायों और मुआवजे की घोषणा करने का आग्रह किया है.
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एकेएस/डीएससी
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