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जब 15 साल की जायरा वसीम ने 'दंगल' के लिए बेमन से काटे थे अपने खूबसूरत बाल

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Mumbai , 22 अक्टूबर . Bollywood Actress जायरा वसीम ने भले ही इंडस्ट्री छोड़ दी हो, लेकिन उन्होंने ऐसी छाप छोड़ी जो आज भी दर्शकों के दिलो-दिमाग में ताजा है. 23 अक्टूबर 2000 को जन्मी जायरा वसीम ने मात्र 16 साल की उम्र में Bollywood में अपनी अद्भुत अभिनय क्षमता से तहलका मचा दिया. कश्मीरी मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखने वाली जायरा का असली नाम जैनब वसीम है, लेकिन दुनिया उन्हें जायरा वसीम के नाम से जानती है.

जायरा ने बचपन से ही कला और अभिनय में रुचि दिखाई, लेकिन कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वह Bollywood की सबसे कम उम्र की सुपरस्टार बन जाएंगी. जायरा का सफर शुरू हुआ आमिर खान की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘दंगल’ से, जो चीन में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बनी. इसमें उन्होंने मशहूर महिला रेसलर गीता फोगाट के बचपन का किरदार निभाया.

इस फिल्म के लिए जायरा वसीम को बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का नेशनल फिल्म अवॉर्ड मिला. फिल्म ‘सीक्रेट सुपरस्टार’ में जायरा ने इंसानिया का रोल किया, जो एक मुस्लिम लड़की है और सिंगर बनना चाहती है. इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला. इसके बाद वह ‘द स्काई इज पिंक’ में प्रियंका चोपड़ा और फरहान अख्तर के साथ दिखाई दीं. इसमें भी उनकी एक्टिंग को सराहा गया.

जायरा वसीम के करियर से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा है. यह उनकी डेब्यू फिल्म ‘दंगल’ से जुड़ा है. इस फिल्म ने न सिर्फ आमिर खान को एक अलग मुकाम दिया, बल्कि एक युवा Actress जायरा वसीम को रातोंरात स्टार बना दिया. लेकिन जायरा की सफलता की नींव किसी आलीशान सेट पर नहीं, बल्कि एक बेहद व्यक्तिगत और भावनात्मक फैसले से पड़ी. एक ऐसा फैसला जिसके लिए उन्होंने कानूनी समझौते तक की परवाह नहीं की. यह किस्सा उस अथाह समर्पण को दिखाता है जिसने ‘दंगल’ को इतना सच्चा और सफल बनाया.

दरअसल, जायरा वसीम फिल्म में युवा गीता फोगट की भूमिका निभा रही थीं. महिला पहलवानों को अक्सर अपने बाल छोटे रखने पड़ते हैं ताकि वे अभ्यास और कुश्ती के दौरान बाधा न बनें. निर्देशक नितेश तिवारी इस प्रामाणिकता से समझौता नहीं करना चाहते थे.

जब जायरा वसीम को पहली बार बाल कटवाने के लिए कहा गया, तो 15 साल की उस लड़की के लिए यह एक बड़ा भावनात्मक झटका था. जायरा वसीम के जीवन में कभी अपने बाल नहीं कटवाए थे और उन्होंने भावनात्मक रूप से इस बात का विरोध किया. सेट पर कुछ देर के लिए तनाव भी रहा, क्योंकि यह केवल बालों का मामला नहीं, बल्कि एक कलाकार के अपने निजी पहचान से जुड़ा सवाल था.

जायरा वसीम ने कुछ दिन सोचने में बिताए. वह जानती थीं कि अगर वह बाल नहीं कटवाती हैं, तो उन्हें विग पहनना पड़ेगा. विग पहनने से कुश्ती के सीन में वह स्वाभाविक भाव नहीं आ पाएगा, जो उनके किरदार की जान था. उन्होंने चुपचाप, अपने माता-पिता या प्रोडक्शन टीम को बिना बताए, एक बड़ा निर्णय लिया.

अगले दिन जब वह सेट पर आईं, तो सभी आश्चर्यचकित रह गए. उनके लंबे बाल जा चुके थे. उन्होंने खुद ही अपने बाल काटकर फिल्म के किरदार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता साबित कर दी थी.

यह किस्सा इसलिए भी अनूठा है क्योंकि जायरा उस समय बाल कलाकार थीं. बाल कलाकारों के साथ किए गए अनुबंध और श्रम कानून काफी सख्त होते हैं. इन नियमों के तहत, निर्माता (प्रोडक्शन हाउस) किसी भी बाल कलाकार पर शारीरिक बदलाव, खासतौर पर बालों को काटने का दबाव नहीं डाल सकते थे, जब तक कि कलाकार पूरी तरह से सहज न हो. लेकिन जायरा ने इन कानूनी बाध्यताओं और व्यक्तिगत विरोध को दरकिनार कर दिया. उन्होंने अपने किरदार के लिए यह व्यक्तिगत बलिदान स्वेच्छा से दिया.

जब आमिर खान को जायरा के इस समर्पण के बारे में पता चला, तो वह बहुत प्रभावित हुए. उन्होंने सार्वजनिक मंचों पर जायरा की तारीफ की, जिसने ‘दंगल’ को सिर्फ एक मनोरंजक फिल्म नहीं, बल्कि एक ईमानदार कलाकृति बना दिया.

जेपी/एबीएम

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