भोपाल, 16 अप्रैल . भारतीय जनता पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस पर जबरदस्त हमला बोला और कहा कि इस मामले की शुरुआत तो कांग्रेस की सरकार के समय हुई थी. कांग्रेस जवाब दे कि एक परिवार के पास 50 लाख के एवज में 9 करोड़ के शेयर कैसे आए और हजारों करोड़ की संपत्ति कैसे आई.
उन्होंने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नाम चार्जशीट में आना तकनीकी और कानूनी मामला है. नेशनल हेराल्ड मामले की शुरुआत साल 2012 में तब हुई थी, जब कांग्रेस की सरकार थी. सर्वोच्च न्यायालय ने अक्टूबर 2013 में इसकी सुनवाई शुरू की. प्रकरण में मामला भी दर्ज हुआ तब कांग्रेस की सरकार थी. सवाल है कि कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ साजिश किसने की.
भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस को राजनीति करने का कोई औचित्य नहीं है. यह ऐसा विचित्र मामला है, जिसमें 90 करोड़ की देनदारी थी, वह हजारों करोड़ की संपत्ति की मालिक हो गई. इसके 76 प्रतिशत से ज्यादा शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नाम पर थे. इस तरह तीन चौथाई संपत्ति के मालिक यही थे. तब यह तय हो गया था कि प्रकाशन बंद हो जाएगा, फिर उसकी प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लेंगे.
उन्होंने कहा कि सवाल है कि जवाहर लाल नेहरू के समय शुरू नेशनल हेराल्ड, कौमी आवाज और नवजीवन क्यों बंद हुए. छह दशक तक सत्ता में रही कांग्रेस की सरकारों ने उसे कोई सहयोग नहीं किया, कार्यकर्ताओं ने कोई सहयोग नहीं किया. इसके साथ ही अगर कांग्रेस के 10 प्रतिशत कार्यकर्ता ही ये तीनों अखबार खरीदते रहते तो अखबार बंद होने की नौबत नहीं आती और महज कुछ सालों में 90 करोड़ का कर्ज चुकता हो जाता.
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड को 90 करोड़ का कर्ज दिया, जो उसने वापस करने से मना कर दिया. उसके बाद एक षड्यंत्र कर यंग इंडिया कंपनी बनाई, जिसमें 38-38 प्रतिशत शेयर तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी के थे, शेष अन्य के. एक राजनीतिक पार्टी होने के नाते कांग्रेस किसी को पैसा नहीं दे सकती. फिर कॉर्पोरेट षड्यंत्र किया गया. नेशनल हेराल्ड के 90 करोड़ शेयर यंग इंडिया को दे दिए गए.
उन्होंने कहा कि जो अखबार आजादी की लड़ाई लड़ने वालों को आवाज देने वाला हथियार था, उसे निजी कारोबार में बदल दिया गया, यह उनके लिए एटीएम बन गया. वह एक परिवार की संपत्ति बन गया. 76 प्रतिशत शेयर मां-बेटे का हो गया. 50 लाख के एवज में 9 करोड़ का शेयर कैसे आया और हजारों करोड़ की संपत्ति कैसे आई, इसका जवाब दें.
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एसएनपी/एबीएम
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