बेंगलुरु, 21 जुलाई . धर्मस्थल मंदिर प्रबंधन ने इलाके में सामूहिक कब्र की शिकायतों की जांच का स्वागत किया है. इस मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) कर रही है.
सरकार ने Sunday को वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी प्रणव मोहंती की अध्यक्षता में एसआईटी के गठन की घोषणा की थी.
धर्मस्थल के प्रवक्ता के पार्श्वनाथ जैन ने Monday को कहा कि हाल ही में धर्मस्थल पुलिस स्टेशन में एक मामला दर्ज हुआ था, जिसमें कहा गया था कि ‘कई शवों को दफनाया गया है.’ इस मामले को लेकर हाल के दिनों में राष्ट्रीय स्तर पर बहस, कयास और भ्रम पैदा हुआ है. हमारी और आम जनता की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की उम्मीद के तहत State government ने इस मामले की जांच के लिए इसे विशेष जांच टीम (एसआईटी) को सौंप दिया है.
जैन ने कहा, “सच्चाई और विश्वास ही समाज की नैतिकता और आस्था की सबसे मजबूत नींव होते हैं. इसलिए हमारी ईमानदार उम्मीद और मांग है कि एसआईटी इस मामले की गहराई से जांच करे और सच्चाई सामने लाए.”
इस बीच, एसआईटी मामले की जांच अपने हाथ में लेने के लिए पूरी तरह तैयार है. फिलहाल, धर्मस्थल पुलिस प्रारंभिक जांच कर रही है. एसआईटी टीम जल्द ही मंगलुरु आकर जांच शुरू कर सकती है.
कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार ने धर्मस्थल में हुई कथित हत्याओं की जांच के लिए चार सीनियर आईपीएस अफसरों वाली एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) बनाई है. यह टीम इस मामले की गहराई से जांच करेगी.
सेवानिवृत्त Supreme court जज वी गोपाल गौड़ा और कई कार्यकर्ताओं ने एसआईटी (विशेष जांच टीम) बनाने की मांग की है. यह मामला विवाद खड़ा कर सकता है क्योंकि धर्मस्थल, कर्नाटक का एक प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थल है.
बता दें कि कर्नाटक सरकार ने Sunday को एक आदेश जारी किया. इसमें एक एसआईटी (विशेष जांच दल) बनाई गई है. इस टीम का नेतृत्व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और आंतरिक सुरक्षा विभाग के डीजीपी प्रोणब मोहंती करेंगे. उनके साथ डीआईजी (भर्ती) एमएन अनुचेत, डीसीपी (सिटी आर्म्ड रिजर्व) सौम्यलता और आंतरिक सुरक्षा विभाग के एसपी जितेंद्र कुमार भी इस टीम में शामिल होंगे.
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पीएसके
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