रांची, 31 मई . झारखंड में एनआईए की विशेष अदालत को 2023 झारखंड सीपीआई (माओवादी) आतंकवादी साजिश मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी एजेंसी से एक पूरक आरोप पत्र मिला है. एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी.
रांची की विशेष अदालत में दायर एक पूरक आरोप पत्र में एनआईए ने कृष्णा हांसदा, अभिजीत कोरा और रामदयाल महतो को आतंकवादी घटना के लिए धन जुटाने और आतंकी प्रशिक्षण के लिए शिविर आयोजित करने के आरोप में नामित किया है. अभिजीत बिहार का रहने वाला है, जबकि अन्य दो झारखंड के निवासी हैं.
एनआईए ने आरोप पत्र में कहा कि तीनों प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के सक्रिय सदस्य हैं और झारखंड के गिरिडीह जिले के पारसनाथ के सामान्य क्षेत्र में जबरन वसूली, सशस्त्र धमकी और जबरन भर्ती से जुड़ी इसकी बड़ी साजिश का हिस्सा थे.
यह मामला जनवरी 2023 में गिरिडीह जिले के डुमरी पुलिस स्टेशन के लुसियो वन क्षेत्र से कृष्णा हांसदा की गिरफ्तारी के साथ शुरू हुआ था.
स्थानीय पुलिस ने उसके कब्जे से लेवी की रकम, 7.65 एमएम बोर की पिस्तौल और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए थे. पुलिस ने तब कृष्णा हांसदा, अभिजीत कोरा, रामदयाल महतो और अज्ञात अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी और हांसदा के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी.
कृष्णा हांसदा उर्फ सौरव दा उर्फ अविनाश दा पर अब एनआईए ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 17, 18, 18ए, 18बी, 20, 21, 38, 39 और 40 के तहत अतिरिक्त आरोप लगाए हैं, जो युवाओं को आतंकी प्रशिक्षण के लिए भर्ती करने और आतंकवाद को वित्तपोषित करने से संबंधित हैं.
शस्त्र अधिनियम, 1959 की धारा 25(6) संगठित अपराध और हथियार रखने से संबंधित है. वह प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) आतंकी संगठन का क्षेत्रीय समिति सदस्य था.
सीपीआई (माओवादी) के एक सशस्त्र कैडर, अभिजीत कोरा उर्फ मतला कोरा उर्फ सुनील कोरा के खिलाफ एनआईए ने आईपीसी की धारा 120बी के साथ 121ए, 386, 387; आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम, 1908 की धारा 17; और यूए(पी) अधिनियम, 1967 की धारा 13, 17, 18, 20, 38, 39, 40 के तहत आरोप पत्र दायर किया है.
रामदयाल महतो उर्फ नीलेश दा उर्फ बच्चन दा के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी के साथ 121ए, 386, 387; आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम, 1908 की धारा 17; और यूए(पी) अधिनियम, 1967 की धारा 13, 17, 18, 18ए, 20, 21, 38, 39, 40 के तहत मामला दर्ज किया गया है. वह सीपीआई (माओवादी) के विशेष क्षेत्र समिति (एसएसी) के सदस्य थे.
एनआईए ने मामले को अपने हाथ में ले लिया और जून 2023 में इसे आरसी-01/2023/एनआईए/आरएनसी के रूप में फिर से पंजीकृत किया.
–
जीकेटी/
The post first appeared on .
You may also like
ब्रिटेन में पढ़ना होगा आसान, एडमिशन से पहले इन 5 बातों का रखना होगा ख्याल
Aaj Ka Panchang, 2 June 2025 : आज ज्येष्ठ शुक्ल सप्तमी तिथि, जानें शुभ मुहूर्त का समय
शादी के बिना मर्जी के होने के कारण: जानें क्यों लोग मजबूर होते हैं
लड़कियों की रिश्तों में चार महत्वपूर्ण अपेक्षाएँ
चाणक्य नीति: व्यापार में सफलता के लिए महत्वपूर्ण सिद्धांत