चेन्नई, 26 मई . पुलिसकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए तमिलनाडु पुलिस ने अपनी प्रमुख कल्याण योजना ‘मगिलची’ को अब राज्य के पश्चिमी क्षेत्र में भी शुरू किया है. यह फैसला चेन्नई और दक्षिणी जिलों में इस पहल को मिले अच्छे रिस्पॉन्स के बाद लिया गया है. पहले इन क्षेत्रों में इस योजना को लागू किया गया था, जहां पुलिसकर्मियों ने इसे काफी सकारात्मक रूप से अपनाया.
‘मैगिलची’ कार्यक्रम का पूरा मतलब ‘क्षमता, विकास, आदर्श उत्थान, विकल्प और स्वतंत्रता को बढ़ावा देना’ है. पुलिसकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए एक समग्र और संपूर्ण तरीका अपनाता है.
इस कार्यक्रम का संचालन मनोचिकित्सकों, मनोवैज्ञानिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक टीम मिलकर करती है. यह टीम पुलिसकर्मियों को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी अलग-अलग समस्याओं में मदद करती है.
पुलिस मुख्यालय के एक बयान के अनुसार, “तमिलनाडु पुलिस देश की एकमात्र पुलिस है, जिसने इस तरह की कल्याण योजना शुरू की है. मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने इस पहल की तारीफ की है और इसका पूरा समर्थन किया है. तमिलनाडु सरकार ने अब तक तीन विशेष केंद्र बनाने के लिए 1.15 करोड़ रुपये दिए हैं.”
इस कार्यक्रम को पहली बार 20 नवंबर 2021 को चेन्नई के गुरु नानक कॉलेज में वर्तमान पुलिस महानिदेशक शंकर जीवाल ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया था. तब वे पुलिस आयुक्त थे.
इस पहल की सफलता से प्रेरित होकर इसे दक्षिणी क्षेत्र तक बढ़ाया गया और फरवरी 2023 में मदुरै में एक केंद्र खोला गया.
अगस्त 2023 में तिरुवरुर में एक और केंद्र खोला जाएगा, जो नौ जिलों और तिरुचिरापल्ली क्षेत्र समेत मध्य क्षेत्र को कवर करेगा.
यह योजना कई मानसिक और व्यवहारिक समस्याओं पर ध्यान देती है, जैसे अवसाद, आत्महत्या के विचार, शराब और ऑनलाइन जुआ की लत, गुस्सा और अन्य भावनात्मक परेशानियां.
इस साल 1 मई तक कुल 2,844 पुलिसकर्मियों ने चेन्नई, मदुरै और तिरुवरुर में बने तीन केंद्रों से सेवाएं ली हैं. इनमें 1,884 पुरुष और 960 महिलाएं शामिल हैं.
उत्साहजनक परिणामों और प्रतिभागियों के बीच व्यक्तिगत कल्याण और काम की दक्षता में काफी सुधार के कारण इस कार्यक्रम को अब पश्चिमी क्षेत्र के पुलिसकर्मियों के लिए कोयंबटूर में शुरू किया गया है. इस क्षेत्र में कोयंबटूर, सलेम, तिरुपुर सहित आठ जिले और कमिश्नरेट शामिल हैं.
बयान में कहा गया है, “कार्यक्रम की सफलता इसमें हिस्सा लेने वाले अधिकारियों में आए सकारात्मक बदलाव से साफ दिखती है. पश्चिमी क्षेत्र का केंद्र हमें इस जरूरी सहायता प्रणाली को और अधिक पुलिसकर्मियों तक पहुंचाने में मदद करेगा.”
मानसिक स्वास्थ्य को महत्व देते हुए तमिलनाडु पुलिस देश में पुलिस कल्याण का एक नया उदाहरण पेश कर रही है.
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एसएचके/केआर
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