अयोध्या, 13 अक्टूबर . दीपावली का पवित्र पर्व हर साल कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है. इस साल दीपावली की तारीख को लेकर कुछ लोगों को थोड़ा कन्फ्यूजन है. कुछ लोग कह रहे हैं कि दीपावली 20 अक्टूबर को है तो कुछ का कहना है 21 अक्टूबर को.
दीपावली का त्योहार इसलिए खास है, क्योंकि मान्यता है कि इसी दिन भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ 14 साल के वनवास के बाद अपने राज्य अयोध्या लौटे थे. अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में पूरे नगर को दीपों से सजाया था, तभी से दीपावली का त्योहार मनाने की परंपरा चली आ रही है.
इस बार अमावस्या 20 अक्टूबर से शुरू होकर 21 अक्टूबर की सुबह तक रहेगी. चूंकि दीपावली रात्रि का त्योहार है, इसलिए इसे 20 अक्टूबर की शाम को ही मनाया जाएगा. पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 7:08 बजे से लेकर शाम 8:08 बजे तक रहेगा.
कुछ विवाद इस बात को लेकर है कि अमावस्या की तारीख कैसे तय की जाए, क्योंकि दो पंचांग प्रणाली हैं एक प्राचीन पद्धति और दूसरी आधुनिक पद्धति. इसी वजह से लोगों के बीच भ्रम होता है. इसी को लेकर ने धार्मिक गुरु और मठाधीश से बातचीत की ताकि आगे आने वाले त्योहारों में कोई भ्रम न रहे और सबके लिए एक निश्चित तिथि तय हो.
अयोध्या के महंत और ज्योतिष के जानकार विष्णुदास जी महाराज ने बताया है कि दीपावली 20 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी. उनके अनुसार, 20 अक्टूबर को दोपहर 2:32 बजे अमावस्या शुरू होगी और यह अमावस्या 21 अक्टूबर के दिन खत्म हो जाएगी. इसलिए दीपावली भी 20 अक्टूबर की शाम को ही होगी.
इस तरह, सभी लोग 20 अक्टूबर की शाम को दीप जलाकर, पूजा अर्चना करके और एक-दूसरे को शुभकामनाएं देकर दीपावली का त्योहार खुशी-खुशी मनाएंगे.
दीपावली का मतलब सिर्फ रोशनी ही नहीं, बल्कि अंधकार पर प्रकाश की जीत भी है. इसलिए इस दिन सभी घरों में दीप जलाकर सुख-शांति और समृद्धि की कामना की जाती है.
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पीआईएम/वीसी
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