नई दिल्ली, 25 अप्रैल . भारत आतंकवाद के बुनियादी ढांचे और उसके पारिस्थितिकी तंत्र को कुचलने के लिए सटीक कदम उठा रहा है. इसी दिशा में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर पहुंचे और स्थिति की समीक्षा तथा भविष्य की कार्रवाई पर एक महत्वपूर्ण बैठक की.
बैठक में सेना प्रमुख और उपराज्यपाल के अलावा सेना की उत्तरी कमान के चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल एम.वी. सुचिंद्र कुमार, सेना के उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा और 15 कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव शामिल हुए.
इसमें सुरक्षा तंत्र, विभिन्न अल्पकालिक तथा दीर्घकालिक उपायों और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच एकीकरण और समन्वय की समीक्षा की गई. सेना प्रमुख जम्मू-कश्मीर स्थित विक्टर फोर्स और 15 कोर मुख्यालय भी गए. उन्हें मौजूदा स्थिति की जानकारी दी गई. सेना प्रमुख के इस दौरे में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच एकीकरण और समन्वय की भी समीक्षा की गई.
सेना प्रमुख ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भी मुलाकात की. वहीं, राज्य के पुलिस महानिदेशक से हालात की जानकारी ली.
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद सेना प्रमुख श्रीनगर पहुंचे हैं. यहां उन्होंने सेना की उत्तरी कमान के कमांडर के साथ सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा भी की.
सेना प्रमुख से बातचीत के दौरान उपराज्यपाल ने कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले का हर अपराधी और समर्थक, चाहे वह किसी भी स्थान या संबद्धता का हो, पकड़ा जाना चाहिए. आतंकवादियों को हमारे नागरिकों के खिलाफ कायरतापूर्ण और नृशंस कृत्य की भारी कीमत चुकानी होगी. उन्होंने जनरल उपेंद्र द्विवेदी से कहा कि वह न केवल पहलगाम आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए प्रभावी कदम उठाएं, बल्कि आतंकवाद के बुनियादी ढांचे और उसके पारिस्थितिकी तंत्र को कुचलने के प्रयासों को भी तेज करें.
गौरतलब है कि शुक्रवार सुबह पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा पर कुछ जगहों पर छोटे हथियारों से गोलीबारी की गई. भारतीय सेना ने इसका प्रभावी तरीके से जवाब दिया है.
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने निहत्थे पर्यटकों पर गोलियां बरसाई थीं. इस आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई है. हमले के बाद से सेना ने आतंकवादियों के खिलाफ पूरे इलाके में विस्तृत अभियान छेड़ रखा है. सेना और सुरक्षाबलों ने कई संदिग्ध स्थानों की घेराबंदी कर रखी है. सेना हेलिकॉप्टर के जरिए भी निगरानी कर रही है.
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जीसीबी/एबीएम/एकेजे
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