यांगून, 12 अप्रैल . म्यांमार-थाईलैंड सीमा पर स्थित म्यावाडी क्षेत्र में साइबर-स्कैम नेटवर्क का शिकार बने चार और भारतीय नागरिकों को म्यांमार के अधिकारियों द्वारा रिहा कर यांगून लाया गया है. भारतीय दूतावास, यांगून ने शनिवार को यह जानकारी दी.
रिहा किए गए इन चारों भारतीयों को भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया गया है. अब कॉन्सुलर प्रक्रिया और एग्जिट परमिट के बाद इन्हें जल्द ही भारत भेजा जाएगा.
इससे पहले गुरुवार को म्यावाडी में स्थित स्कैम केंद्रों से छुड़ाए गए 32 भारतीय नागरिकों को म्यांमार-थाईलैंड सीमा क्षेत्र के माए सॉट के माध्यम से भारत वापस भेजा गया था.
भारतीय दूतावास, यांगून ने ऐसे धोखाधड़ी वाले नौकरी के ऑफरों के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी है. दूतावास ने चेतावनी दी है कि म्यांमार या थाईलैंड में सीमा पार करने में इमिग्रेशन प्रक्रिया का पालन न करना अवैध है और इससे भविष्य में इन देशों में प्रवेश पर पाबंदी लग सकती है.
विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत सरकार दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों, विशेष रूप से म्यांमार, में फर्जी नौकरी के झांसे में फंसे भारतीयों की रिहाई और वापसी के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. इन लोगों को साइबर अपराध और अन्य धोखाधड़ी गतिविधियों में जबरन शामिल किया गया.”
पिछले महीने म्यांमार और थाईलैंड में स्थित भारतीय दूतावासों ने स्थानीय अधिकारियों के सहयोग से माए सॉट (थाईलैंड) से भारतीय वायुसेना के विमान द्वारा 283 भारतीय नागरिकों की वापसी सुनिश्चित की थी.
विदेश मंत्रालय ने दोहराया, “भारत सरकार पहले भी समय-समय पर सलाह और सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से ऐसे गिरोहों के प्रति सतर्क रहने की चेतावनी देती रही है. भारतीय नागरिकों को विदेश में नौकरी स्वीकार करने से पहले मिशनों के माध्यम से नियोक्ताओं की प्रमाणिकता और एजेंटों व कंपनियों की पृष्ठभूमि की जांच करने की सलाह दी जाती है.”
इस महीने की शुरुआत में बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार के प्रधानमंत्री और स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन काउंसिल के चेयरमैन सीनियर जनरल मिन आंग हलैंग से मुलाकात की थी. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने म्यांमार द्वारा भारतीय नागरिकों की रिहाई और वापसी में दिए गए सहयोग की सराहना की थी.
दोनों देशों ने भारत-म्यांमार सीमा पर हो रही उग्रवादी गतिविधियों, अंतरराष्ट्रीय अपराधों और मानव तस्करी से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई.
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डीएससी/
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