मुंबई, 15 मई . शिवसेना प्रवक्ता संजय निरुपम ने गुरुवार को पाकिस्तान, तुर्की और कांग्रेस पार्टी पर जुबानी हमला बोला. इसके अलावा, उन्होंने आतंकवाद पर भारत की सख्त नीति को मजबूती से समर्थन दिया.
समाचार एजेंसी से बात करते हुए संजय निरुपम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के शोपियां में हुई मुठभेड़ में तीन आतंकवादियों का मारा जाना, इस बात का पुख्ता सबूत है कि पाकिस्तान अब भी आतंकियों को भारत भेजने से बाज नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि शोपियां में मारे गए आतंकियों के पास भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद मिले हैं. इससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान लगातार आतंकवादियों को भारत में भेजने की साजिश कर रहा है. हमारी सेना ने अद्भुत साहस का प्रदर्शन किया है और उन्हें इसके लिए पूरे देश की ओर से बधाई दी जानी चाहिए. निरुपम ने इस बात पर जोर दिया कि ऐसी कार्रवाईयां तब तक जारी रहनी चाहिए, जब तक पाकिस्तान से आतंकवाद की जड़ें पूरी तरह समाप्त न हो जाए.
पाकिस्तान के समर्थन में तुर्की के खुले रवैये की भी निरुपम ने कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि कराची एयरपोर्ट से भारत विरोधी गतिविधियों में तुर्की के ड्रोन इस्तेमाल होने की खबरें बेहद गंभीर हैं. तुर्की अब भारत का मित्र देश नहीं रहा है. उसके रुख से भारतीय नागरिकों की भावनाएं आहत हुई हैं. ट्रैवल एजेंट्स की रिपोर्ट के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक भारतीय पर्यटकों ने तुर्की की यात्रा रद्द कर दी है. उन्होंने भारत सरकार से मांग की कि तुर्की से राजनयिक संबंध धीरे-धीरे समाप्त किए जाएं.
वहीं, कांग्रेस पार्टी पर जुबानी हमला बोलते हुए निरुपम ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है. ऑपरेशन सिंदूर एक सफल सैन्य अभियान था, जिसमें पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर किया गया. ऐसे समय में जब हमारी सेना का मनोबल ऊंचा है, कांग्रेस का सवाल उठाना बेहद निंदनीय है. यह देश के सम्मान और सैनिकों की वीरता का अपमान है. उन्होंने कांग्रेस से आग्रह किया कि वह ऐसी गंभीर परिस्थितियों में संयम बरते और राष्ट्रहित को प्राथमिकता दे.
पाकिस्तान के खिलाफ हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर का हवाला देते हुए निरुपम ने कहा कि इस कार्रवाई में लगभग 50 पाकिस्तानी सैनिक और 100 आतंकी मारे गए, जिसके बाद पाकिस्तान ने युद्धविराम की अपील की. भारत ने साफ कर दिया है कि सिंधु जल समझौते पर पुनर्विचार नहीं किया जाएगा. जब तक पाकिस्तान अपनी आतंकवादी नीतियों को नहीं छोड़ता, उसे सिंधु नदी का पानी नहीं मिलना चाहिए. हमें पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देना होगा.
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पीएसके/जीकेटी
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